भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का नया मुखिया चुन लिया गया है। बघेल छत्तीसगढ़ के तीसरे और निर्वाचित होने वाले दूसरे मुख्यमंत्री हैं। भूपेश बघेल 15 साल के बाद भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाली कांग्रेस में छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष हैं। लेकिन बघेल का अब तक का सफर कांटों भरा रहा है। छत्तीसगढ़ में लगातार तीन चुनाव हारने और झीरम घाटी कांड में नक्सलियों की गोलियों कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खात्मे के बाद 2014 में कांग्रेस हाशिए पर थी। इस मुश्किल वक्त में कांग्रेस की कमान एक अनुभवी भूपेश बघेल को सौंपी गई। भूपेश बघेल को राज्य में कांग्रेस का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है। यहीं कारण है कि पिछले 4 वर्षों में बघेल ने कांग्रेस पिछले दो दशकों में सबसे मजबूत दिखाई दे रही है। उत्तर के सरगुजा, कोरबा से लेकर दक्षिण में बस्तर तक कांग्रेस संगठन की मजबूती में एक प्रमुख योगदान बघेल का भी है।
भूपेश बघेल बने छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में लिया गया फैसला
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। बघेल 2014 छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। मौजूदा विधानसभा में वे दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा से विधायक हैं। भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को तत्कालीन मध्य प्रदेश के दुर्ग जिले के एक किसान परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम नंद कुमार बघेल और माता का नाम बिंदेश्वरी बघेल है।
राजनीतिक सफर
भूपेश बघेल ने अपने राजनीति जीवन की शुरुआत 1980 के दशक में अपने राजनीतिक गुरू चंदूलाल चंद्राकर के संरक्षण में की थी। उन्होंने 1985 में कांग्रेस की सदस्यता ली। वे 1994-95 में मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे। वे 1993 और 1998 में पाटन विधानसभा से चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा में गए। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे 2003 और 2013 में इसी विधानसभा सीट से चुनकर आए। उन्होंने 2004 में दुर्ग से और 2009 में रायपुर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा। बघेल को दिसंबर 1998 में दिग्विजय केबिनेट में राज्य मंत्री का पद मिला। इसके बाद 1999 में उन्हें परिवहन मंत्री बना दिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उन्हें राज्य का पहला राजस्व मंत्री बनाया गया।