नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में बड़ी जीत के बाद कांग्रेस को मुख्यमंत्री चुनने में परेशानी की सामना करना पड़ रहा है। राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता अपने अपने नेताओं के मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए बैठे हैं। छत्तीसगढ़ में इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी की 15 साल पुरानी सरकार को हराना कांग्रेस के लिए जितना आसान रहा उतना ही राज्य के नए मुखिया के चुनाव में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस महीने की 11 तारीख को मतों की गिनती के बाद 12 तारीख को यहां के एक होटल में नव निर्वाचित विधायक दल की बैठक की गई। इस बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, प्रभारी सचिव चंदन यादव और अरुण उरांव मौजूद थे।
इस दौरान कांग्रेस के पर्यवेक्षक मालिकार्जुन खड़गे ने बताया की कांग्रेस विधायकों ने प्रस्ताव पास किया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जिसे भी विधायक दल का नेता चुनेंगे हमें स्वीकार होगा। हालंकि विधायकों से रायशुमारी भी ली गई। राज्य के नए मुख्यमंत्री के लिए नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेता और दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद ताम्रध्वज साहू और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत को प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। लेकिन अभी तक इस संबंध में जानकारी नहीं मिली है कि राज्य का अगला मुख्यंत्री कौन होगा। उम्मीद की जा रही है कि रविवार को इस संबंध में फैसला हो जाएगा। इधर अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के अपने अपने दावे हैं।
सामरी क्षेत्र के विधायक और सिंह देव के समर्थक चिंतामणि महराज कहते हैं कि मेरी इच्छा है कि टीएस सिंह देव मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस में संगठन का जो भी निर्णय होता है वह मान्य होता है। हम लोग अपनी बात खड़गे जी के सामने रख चुके हैं। यदि आगे भी हमसे पूछा जाएगा तब हम अपनी भावनाओं को व्यक्त करेंगे। महराज कहते हैं कि 40 से अधिक विधायक हैं जो चाहते हैं कि सिंह देव मुख्यमंत्री बने। हांलकि पार्टी का जो भी आदेश होगा वह सर्वमान्य होगा। वहीं दुर्ग जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव कौशल चंद्राकर कहते हैं कि उन्होंने भूपेश बघेल के संघर्ष को करीब से देखा है। बघेल ने कांग्रेस को पुर्नजीवन देने के लिए संघर्ष किया है और भाजपा के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी है उसका श्रेय उनको जाता है। बघेल को अवसर मिलना चाहिए
चंद्राकर कहते हैं कि हम नहीं मानते हैं कि बघेल के संघर्ष को और पार्टी के प्रति उनके योगदान को आलाकमान नजरअंदाज करेगा। मुख्यमंत्री के चुनाव में हो रही देरी को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी समझ बूझ कर सभी लोगों की राय लेकर अपना निर्णय लेने जा रही है। इसमें समय जरूर लग रहा है लेकिन जो भी फैसला होगा अच्छा होगा। इधर मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री के चयन में इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है तो सरकार कैसे चलाएंगे। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने कहते हैं कि पूत के पांव पालने में दिख रहे हैं। जब मुख्यमंत्री के चयन में इतनी मशक्क्त करनी पड़ रही है तो सरकार कैसे चलाएंगे। गुटबाजी भी दिख रही है। ऐसे में कांग्रेस ने जो जनता से वादे किए हैं उसे कैसे पूरा करेगी। वहीं कांग्रेस ने कहा था कि हमारे यहां प्रजातंत्र है। प्रजातंत्र कहां गया। विधायकों की राय का क्या हुआ है। छत्तीसगढ़ में इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 90 में से 68 सीटों पर, भाजपा को 15 सीटों पर, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ :जे: को पांच सीटों पर तथा बहुजन समाज पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली है।