पटना. बिहार के चुनावी रण में सियासी सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है। एनडीए और महागठबंधन के दलों के बीच अबतक सीटों के बंटवारे पर कोई आम राय नहीं बन पाई है। राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में मामला ज्यादा गंभीर नजर आ रहा है। मोर्चे के दो बड़े दलों में सीट बंटवारे को लेकर बवाल मचा हुआ है। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी बिहार में 70 से ज्यादा विधानसभा सीटें चाहती है तो वहीं राजद किसी भी हालत में काग्रेंस को 57 से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं है।
राजद के सांसद मनोज झा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस को बिहार के इस चुनाव के मिजाज को समझना चाहिए। यह चुनाव केवल सीट जीतने या सरकार बदलने का नहीं है। यह सरोकार बदलने का चुनाव है। उन्होंने कांग्रेस के साथियों से अपील करते हुए कहा, "इतने बड़े आधर समूह के बावजूद अन्य साथियों को हम जोड़ रहे हैं। यह लड़ाई बहुत स्पष्ट है। हम भाजपा, जदयू की जनविरोधी सरकार को शिकस्त देना चाहते हैं। कांग्रेस को एक संख्या बता दी गई है, जो परिपूर्ण है।"
उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से कहा, "एक ऐतिहासिक संदर्भ में दोनों दलों के संबंध को देखिए। हठधर्मिता में नुकसान न हो जाए। हठधर्मिता गठबंधन पर भरी न पड़ जाए। हठधर्मिता से बिहार के लोग जो बदलाव चाहते हैं, उन्हें मायूस न होना पड़ा।" उन्होंने कांग्रेस के साथियों से कहा कि "24 घंटे के अंदर फैसला लीजिए, जिससे हम जनता के सामने विकल्प साझा कर सकें।" इधर, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 70 से अधिक सीटों की मांग पर अड़ी है। इस बीच, कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा को सीटों पर अंतिम निर्णय के लिए दिल्ली बुलाया गया है।