पटना. बिहार में 28 तारीख को पहले चरण का मतदान होना है। राज्य में तीन चरणों में मतदान होना है। बिहार चुनाव इसबार किस तरफ जाएगा, इसको लेकर बिहार के राजनीतिक पंडित कोई ठोस अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं। पिछले 15-20 साल में बिहार में इतना क्लोज इलेक्शन कभी नहीं हुआ, जब भी बड़े नेता बंद कमरे में बातें करते हैं तो वह भी नतीजों को लेकर चिंतित दिखते हैं।
सभी जानना चाहते हैं कि 10 नवंबर को बिहार में कौन दिवाली मनाएगा और किसका निकलेगा दिवाला? इंडिया टीवी ने बिहार चुनाव पर अब तक हुए सारे ओपिनियन पोल का एनालिसिस किया, तब जाकर तैयार हुआ सुपर ओपिनियन पोल। सुपर ओपिनियन पोल के मुताबिक, बिहार में एकबार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बन सकती है। इस बार एनडीए को 139 से 143 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि महागठबंधन को 87-96 सीटें मिल सकती हैं। वहीं अकेले चुनाव लड़ रही चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी 2 से 6 सीटें जीत सकती है जबकि अन्य दलों को 5 से 9 सीटें मिलने का अनुमान है।
बिहार का सुपर ओपिनियन पोल
- एनडीए 139-143 सीट
- महागठबंधन 87-96 सीट
- एलजेपी 2-6 सीट
- अन्य 5-9 सीट
बात अगर सबसे पसंदीदा चेहरे की करें तो बिहार के सुपर ओपिनियन पोल के अनुसार, नीतीश कुमार अभी भी राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा लोगों की पसंद हैं। नीतीश कुमार को 32 फीसदी लोगों ने सीएम पद के लिए सबसे काबिल बताया है। नीतीश कुमार के बाद नंबर आता है राजद के तेजस्वी यादव का, उन्हें 27 फीसदी लोगों ने सीएम पद के सबसे उपयुक्त बताया है। चिराग पासवान को 4 फीसदी लोगों और सुशील मोदी को 4 फीसदी लोगों ने सीएम पद के काबिल बताया है।
बिहार का सुपर ओपिनियन पोल - सीएम पद की पहली पसंद कौन?
- नीतीश कुमार 32%
- तेजस्वी यादव 27%
- चिराग पासवान 4%
- सुशील मोदी 4%
किसे मिलेगा बिहार में सबसे ज्यादा वोट
बिहार के सुपर ओपिनियन पोल के मुताबिक एनडीए को 40 फीसदी वोट मिल सकते हैं जबकि राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 33 फीसदी वोट मिल सकते हैं, वहीं अकेले चुनाव लड़ रही एलजेपी को महज 6 फीसदी वोटों के साथ संतुष्ट होना पड़ सकता है। अन्य दलों को 21 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।
बिहार का Super ओपिनयन पोल - वोट शेयर
- एनडीए को 40% वोट
- महागठबंधन को 33% वोट
- एलजेपी को 6% वोट
- अन्य को 21% वोट मिल सकते हैं
क्या कहता है बिहार का जातीय गणित
बात अगर जातीय गणित की करें तो बिहार में 14.4 फीसदी यादव वोट, 7.1 फीसदी बनिया वोट, 5.7 फीसदी ब्राह्मण वोट, 5.2 फीसदी राजपूत वोट, भूमिहार 4.7 फीसदी वोट, कायस्थ 1.5 फीसदी वोट, कुर्मी 4 फीसदी वोट, कोइरी 6.4 फीसदी वोट, एससी 16 फीसदी वोट औऱ मुसलमान 16.9 फीसदी वोट हैं।
बिहार के सुपर ओपिनियन पोल के मुताबिक, अगड़ी जातियों के करीब 66 फीसदी वोट NDA को जा रहे हैं और 26 फीसदी वोट महागठबंधन को, पिछड़ी जातियों के 42 फीसदी वोट NDA को मिल सकते हैं और 30 फीसदी वोट महागठबंधन को। अनुसूचित जातियों के 23 फीसदी वोट NDA को जा सकते हैं तो 33 फीसदी वोट महागठबंधन को मिल सकते हैं। मुसलमान वोटरों में सिर्फ़ 20 फीसदी वोटर ही NDA पर भरोसा दिखा रहे हैं जबकि महागठबंधन को मुसलमानों के 71% वोट मिल सकते हैं।