पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के घटक दलों को लगता है तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार नहीं है, शायद यही वजह है कि पहले हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी ने महागठबंधन छोड़ा और अब आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाह भी तैयारी पर लग रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन छोड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि RJD ने जो अपना नेतृत्व खड़ा किया है उसके पीछे रहकर बिहार को नहीं बदला जा सकता है। अगर आज भी RJD यदि अपना नेतृत्व बदल ले तो उपेंद्र कुशवाहा अपने लोगों को आज भी समझा लेंगे। आरएलएसपी की आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी के साथ ही राष्ट्रीय, प्रदेश के सभी पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों के साथ बैठक हुई।
आरएलएसपी की बैठक में गठबंधन का फैसला लेने के लिए उपेंद्र कुशवाहा को अधिकृत किया गया है। साथ ही इस बैठक में आरजेडी के एकतरफा फैसलों की निंदा की गई है। बैठक में आरएलएसपी की ओर से गठबंधन बचाने को लेकर किये गये प्रयासों की चर्चा भी की गई। साथ ही प्रस्ताव में कहा गया है कि आरएलएसपी की लगातार कोशिशों के बाद भी नतीजा नहीं निकल रहा है। पार्टी की राष्ट्रीय, राज्य और जिला कार्यकारिणी ने उपेंद्र कुशवाहा पर भरोसा जताया है। अब गठबंधन को लेकर उपेंद्र कुशवाहा जो फैसला लेंगे, उसको पूरी पार्टी मानेगी।
बता दें कि, जीतन राम मांझी के दल हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (HAM) ने पहले ही महागठबंधन छोड़ दिया है और जनता दल यूनाइटेड के साथ हाथ मिलाया है। अगर उपेंद्र कुशवाहा भी महागठबंधन छोड़ते हैं तो जीतन राम मांझी के बाद ऐसा करने वाले वे दूसरे नेता होंगे। जानकारी के मुताबिक, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (RLSP) सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किए जाने से नाराज है।