पटना: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसी क्रम में भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा शनिवार को नालंदा और लखीसराय में अलग-अलग चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा तथा केंद्र और बिहार सरकार की विकास योजनाओं को लोगों के सामने रखा। नड्डा ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि, "राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के स्वभाव में ही अराजकता है।" उन्होंने कहा, "अपनी की गई गलतियों के लिए एक बार भी इन्होंने बिहार की जनता से माफी नहीं मांगी है। इसका मतलब ये है कि अभी भी इरादे वही हैं।"
राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ये रोजगार की बात करते हैं। इन्होंने अपहरण का उद्योग चलाया। जिन्होंने अपहरण का उद्योग चलाया, वे क्या रोजगार देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इनमें कोई सेवा भाव नहीं है, कोई बदलाव की चाहत नहीं है। इनका इरादा वही है।’’ गौरतलब है कि राजद ने अपने घोषणापत्र में 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया है। राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी चुनावी सभाओं में रोजगार और विकास की बातें करते हैं। नड्डा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार आने के बाद प्रदेश लालटेन युग से निकलकर एलईडी युग में जा रहा है। बाहुबल से निकलकर विकासबल की तरफ जा रहा है।’’
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस, राजद द्वारा भाकपा माले के गठबंधन बनाने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये लोग ‘टुकड़े-टुकड़े’ की बातें करते हैं। नड्डा ने कहा, ‘‘राजद अराजकता पर विश्वास करता ही है, अब उसने भाकपा-माले से दोस्ती कर ली है।’’ राजद पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘जो (माले) देश को खंडित करना चाहते हैं, जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने की बात करते हैं, उनके साथ सीटों का बंटवारा कर लिया। माले ने राजद को हाइजेक कर लिया।’’ राजद की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि शाम के बाद लोग घर से नहीं निकलते थे।
भाजपा नेता ने कहा, "बिहार का यह चुनाव किसी प्रतिनिधि का नहीं है, किसी कैंडिडेट का नहीं है। यह चुनाव बिहार के भविष्य को तय करने का चुनाव है।" उन्होंने कहा, "नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद बिहार को 11 मेडिकल कॉलेज दिए गए, कई नेशनल हाइवे बनाए गए, रेलवे लाइनों के विस्तार का काम किया गया। हम ऐसी पार्टी के सदस्य हैं, जो लोगों की सेवा करती है, गरीब के घर में भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करती है।" उन्होंने कहा कि, "देश राजनीति के चाल, चरित्र में बहुत अंतर आ गया है। पहले जाति, क्षेत्र, धर्म के आधार पर चुनाव होता था, लेकिन नरेंद्र मोदी के आने के बाद अब विकास पर वोट मांगा जाने लगा है।"