पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के तहत 78 विधानसभा क्षेत्रों में आज मतदान हो रहा है, जहां सभी निगाहें राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)और विपक्षी महागबंधन के बीच कांटे के मुकाबले पर टिकी है। राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिये तीसरे और अंतिम चरण में जिन 78 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है वे 15 जिलों में स्थित हैं। मतदान में करीब 2.34 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस चरण में विधानसभा के स्पीकर और राज्य मंत्रिमंडल के 12 सदस्यों समेत 1204 उम्मीदवार मैदान में हैं।
दोपहर 1 बजे तक कुल वोटिंग 34.82 प्रतिशत
पश्चिम चंपारण-35.81%, पूर्वी चंपारणृ 34.62%, सीतामढ़ी- 31.51%, मधुबनी- 34.59%, सुपौल- 35.73%, अररिया- 32.79%, किशनगंज- 34.45% पूर्णिया- 37.23%, कटिहार- 35.34%, मधेपुरा- 33.93%, सहरसा- 37.58%, दरभंगा- 26.58%, मुजफ्फरपुर- 40.15%, वैशाली- 37.99%, समस्तीपुर- 34.16%
विधानसभा के अलावा शनिवार को वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिये भी वोटिंग हो रही है। इस सीट पर जदयू सांसद वैद्यनाथ महतों के निधन के कारण उपचुनाव कराया जा रहा है। इस संसदीय सीट पर अपना कब्जा बनाये रखने के प्रयास के तहत जदयू ने दिवंगत वैद्यनाथ महतों के पुत्र सुनील कुमार को टिकट दिया है। सुनील कुमार का मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार तथा पत्रकारिता से राजनीति में आए प्रवेश कुमार मिश्रा से है ।
वाल्मीकिनगर की तरह ही जिन 78 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं, उनमें से काफी सीटें उत्तर बिहार में और राज्य में गंगा नदी के उत्तर में स्थित हैं। इनमें से कई सीटें कोसी-सीमांचल क्षेत्र में स्थित है जहां राजग और महागठबंधन की लड़ाई में एआईएमआईएम नेता ओवैसी का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। हैदराबाद के सांसद ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिमों की अच्छी खासी आबादी वाले इस इलाकों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं और सघन चुनाव प्रचार किया है।
कोसी सीमांचल क्षेत्र पूर्व सांसद पप्पू यादव के प्रभाव का इलाका भी माना जाता है जहां यादव समुदाय की अच्छी खासी संख्या है। पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिये पूरा जोर लगा रही है और राष्ट्रीय जनता दल के समक्ष यह साबित करने का प्रयास कर रही है कि उसे यादवों का समर्थन प्राप्त है। पूर्व के दो चरणों की तरह तीसरे और अंतिम चरण में भी चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा)कई सीटों पर चुनावी मैदान मे हैं।
लोजपा इस चुनाव में राजग से अलग होकर चुनाव लड़ रही है और वह राजग खासतौर पर जदयू का खेल खराब करने की भूमिका में दिख रही है। चिराग पासवान अपनी सभाओं में बार-बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार को दिया गया एक-एक वोट बिहार के भविष्य को नुकसान पहुंचायेगा। कुछ महीने पहले तक सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिये आसान दिख रहे चुनाव को 'चुनावी पंडितों' ने अब अब 'कांटे की टक्कर ' बताना शुरू कर दिया है। इसे लेकर वे सत्तारूढ़ गठबंधन के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की मतदाताओं से भावनात्मक अपील को रेखांकित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के क्रम में 12 रैलियों को संबोधित किया। बिहार की जनता के नाम अपने पत्र में मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि बिहार का विकास निर्बाध रूप से जारी रखने के लिये उन्हें नीतीश कुमार की जरूरत है। दूसरी ओर, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को पूर्णिया के धमदाहा में भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि राज्य में हो रहा विधानसभा चुनाव उनका अंतिम चुनाव है। कुमार ने कहा था, ‘‘आज (बृहस्पतिवार) चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है और शनिवार को मतदान है और यह मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला।’’
बिहार प्रदेश जदयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि उनके कहने का यह आशय रहा होगा कि वर्तमान चुनाव में वे अंतिम रैली को संबोधित कर रहे हैं। बहरहाल, कभी अपराजेय मानी जाने वाला राष्ट्रीय जनता दल इस चुनाव में जीत के लिये कोई कसर नहीं छोड़ रहा है और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव अपनी रैलियों में आ रही भीड़ से खासे उत्साहित हैं। राज्य विधानसभा चुनाव में राजद का कांग्रेस, भाकपा, माकपा और भाकपा-माले से गठबंधन है। विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तथा राजद नेता तेजस्वी यादव भी लगातार अपने प्रचार अभियान में लगे रहे और इस चरण में भी कई रैलियों को संबोधित किया।
भाजपा ने विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अपने कई दिग्गजों को मैदान में उतारा जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हैं। बिहार चुनाव में तीसरे और अंतिम चरण में अपनी सीट बरकरार रखने के लिये प्रयासरत उम्मीदवारों में बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी शामिल हैं। राज्य के कैबिनेट मंत्रियों में जदयू से ब्रजेन्द्र प्रसाद यादव, नरेंद्र नारायण यादव, महेश्वर हजारी, रमदेव रिषीदेव, फिरोज अहमद, लक्ष्मेश्वर राय, बीमा भारती, मदन सहनी चुनाव मैदान में है। वहीं, भाजपा के कोटे से मंत्रियों में सुरेश शर्मा, प्रमोद कुमार, बिनोद नारायण झा और कृष्ण कुमार रिषी शामिल हैं ।
इसके अलावा मधेपुरा के बिहारीगंज से सुभाषिनी यादव कांग्रेस की उम्मीदवार हैं, जो अपने पिता और दिग्गज समाजवादी नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की राजनीतिक विरासत को बचाने चुनावी मैदान में पहली बार उतरी हैं। तीसरे चरण के चुनाव में में पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली तथा समस्तीपुर जिलों के विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में कुल 1204 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनमें 110 महिला शामिल हैं। तृतीय चरण में सबसे अधिक प्रत्याशी (31) गायघाट में तथा सबसे कम प्रत्याशी (9) चार विधानसभा क्षेत्रों ढ़ाका, त्रिवेणीगंज, जोकीहाट और बहादुरगंज में हैं| इस चरण में राजग में शामिल भाजपा के 29 एवं जदयू के 29 तथा विपक्षी महागठबंधन में शामिल राजद के 44 उम्मीदवार, कांग्रेस के 21, भाकपा के दो उम्मीदवारों के अलावा रालोसपा के 21, बसपा के 15 तथा लोजपा के 35 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपना-अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
इनपुट-भाषा