पटना: महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपनी एक चुनावी सभा में 'बाबू साहेब' शब्द का जिक्र किया था, जिसे बिहार में आमतौर पर राजपूत बिरादरी के लिए प्रयोग किया जाता है। बाबू साहेब शब्द को लेकर तेजस्वी द्वारा दिए गए बयान के बाद बिहार की सियासत गरमा गई थी। अब उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं और हम नयी सोच के साथ समाज के हर वर्ग को साथ लेकर नये बिहार का निर्माण करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
अलीनगर और कलुआही में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने रोजगार एवं विकास के चुनावी वादे को दोहराया और कहा कि उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला तब पहली कैबिनेट में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार आने पर बिहारवासियों को कमाई, पढ़ाई और दवाई के लिए बाहर नहीं जाना होगा।’’
महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि हमारे मुद्दे नौकरी, सिंचाई, कमाई, दवाई, पढ़ाई, लिखाई, सुनवाई और कारवाई हैं, लेकिन मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके नीतीश कुमार इन पर बात नहीं करके सिर्फ अवांछित मुद्दों पर बोल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि थाना और प्रखंड में सरकारी बाबू, अफ़सरशाही, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से जनता त्रस्त है और युवा वर्ग ने नीतीश सरकार को हटाने का प्रण ले लिया है।
तेजस्वी ने कहा कि पंद्रह वर्ष के शासनकाल में नीतीश सरकार ने बिहार में कुछ नहीं किया और आज भी शिक्षा, इलाज और रोजी रोटी के लिये लोगों का पलायन जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे बिहार में एक सुई का कारखाना तक नहीं लगाया जबकि, मिथिला पान, मखान (मखाना) के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए सभी महागठबंधन के पक्ष में वोट करें।
तेजस्वी ने कहा कि उनकी सरकार बन गई तो शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन, आंगनबाड़ी सेविका, टोला सेवक की मांग को पूरा किया जाएगा। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया । तेजस्वी ने कहा, ‘‘हम नयी सोच के हैं और समाज के हर वर्ग को साथ लेकर नये बिहार का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’