नयी दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ सीटों के तालमेल को अंतिम रूप में देने में हो रही देरी से कांग्रेस के भीतर बेचैनी बढ़ रही है और ऐसे में पार्टी के भीतर ‘वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चे’ को लेकर भी एक राय उभरकर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी को अब भी उम्मीद है कि अगले एक-दो दिनों में राजद के साथ सीट बंटवारे को लेकर कुछ न कुछ बात बन जाएगी।
राजद के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत में सक्रिय भूमिका निभा रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘राजद और खासकर तेजस्वी यादव के रवैये से हम दुखी हैं। पहले जीतन राम मांझी को अलग कर दिया गया, फिर उपेंद्र कुशवाहा को अलग किया गया। अब हमारे साथ भी इनका रवैया ठीक नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी ने पिछले कुछ दिनों से लगातार बैठकें की हैं। हमारी पार्टी के कुछ नेताओं की यह राय सामने आई है कि अगर राजद का यही रवैया रहता है तो हमें कांग्रेस की अगुवाई में वैकल्पिक धर्मरिनरपेक्ष मोर्चे के बारे में विचार करना चाहिए।’’
साथ ही, कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘‘हमें अब भी उम्मीद है कि राजद अपना रवैया बदलेगा और अगले एक-दो दिन में बात बन जाएगी।’’ सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों पहले तक राजद 58 विधानसभा सीटें और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट (उपचुनाव) कांग्रेस को देने के पक्ष में थी। हालांकि, कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी को 70 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को मतगणना होगी। चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद भी अब तक कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के तालमेल को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।