बिहार में 20 घंटों तक चली मैराथन मतगणना के बाद तस्वीर साफ हो चुकी है। सुबह चार बजे जारी आखिरी नजीते के बाद तय हो गया कि एक बार फिर बिहार की जनता ने एनडीए को ही चुना है। एनडीए को इस चुनाव में 125 सीटें मिली हैं वहीं महागठबंधन 110 सीटें जीत सकी। मतगणना के बाद बुधवार सुबह जब लोग राजधानी पटना की सड़कों पर निकले तो उन्हें नीतिश के समर्थन में पोस्टर दिखाई दिए।
इन पोस्टरों में नीतिश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर डबल इंजन की सरकार तस्वीरें छापी गई हैं। साथ ही नीतिश कुमार को ही इस जीत का श्रेय दिया गया है। बता दें कि देर रात घोषित हुए परिणामों में नीतिश कुमार की पार्टी को सिर्फ 43 सीटें ही मिली हैं, जबकि 74 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। हालांकि नरेंद्र मोदी चुनावी रैलियों में किसी भी स्थिति में नीतिश के ही अगले मुख्यमंत्री होने की बात कह चुके हैं।
वहीं जनता दल (यूनाइटेड) ने मंगलवार को यह भरोसा जताया है कि बिहार में एक बार फिर नितीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनेगी। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख वशिष्ठ नारायण सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैं यह बहुत पहले से कहता आ रहा हूं कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए एक बार फिर से बिहार में सरकार बनाएगी। विपक्षी दलों ने मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए कई भ्रामक अभियान चलाएं, लेकिन वह पूरी तरह से नाकाम रहे।
सरकार का नेतृत्व भाजपा या जेडी(यू) कौन करेगा, इस सवाल पर सिंह ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहले ही कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बिहार में सरकार का नेतृत्व कौन करेगा।
भाजपा के शीर्ष तीनों नेताओं के अलावा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी चुनाव प्रचार के दौरान कई बार यह दोहराया है कि यदि राज्य में एनडीए की फिर से सरकार बनती है तो उसका नेतृत्व नितीश कुमार ही करेंगे।