इस साल के अंत में होने जा रहे बिहार चुनावों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिगुल फूंक दिया है। आज एक वर्चुअल रैली निश्चय संवाद को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने लालू के बिहार और अपने कार्यकाल के दौरान बिहार के विकास की तुलना की। उन्होंने कहा कि बिहार में कितनी बिजली थी, सिर्फ 700 मैगावाट की खपत होती थी हमारे आने से पहले तक। 2012 में 15 अगस्त को स्वत्ंत्रता दिवस के भाषण में हमने कहा था कि हम बिजली की स्थिति में सुधार ला रहे हैं। हमने बताया था कि सुधार तो बहुत हुआ है लेकिन जान लीजिए पूरी तरह सुधार नहीं किया तो 2015 में वोट नहीं मांगेंगे, हमने 2015 में हर घर बिजली का कनेक्शन देने की बात कही, 2018 तक लक्ष्य रखा था, और हमारी टीम ने इस काम को 2 महीने पहले ही पूरा कर लिया।
लालू पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि अब लालटेन की जरूरत नहीं है, हर घर में बिजली आ गई है। लालटेन का समय ही खत्म हो गया है,उसकी जरूरत ही नहीं बची है। 2019 तक हमने बिजली की जर्जर तारों को बदलने का लक्ष्य रखा था और सबको बदल दिया गया है। 2005 से लेकर अबतक 48678 करोड़ रुपए बिजली सुधारों को लेकर खर्च हुआ है।
अपराध के मामले में स्थान पर है बिहार
सीएम नीतीश कुमार ने 'निश्चय संवाद' रैली में बताया कि बिहार में अब कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। नीतीश कुमार ने गिनाया कि अपराध के मामले में बिहार का स्थान 23वें नंबर पर है, पहले कहां होता था। महिला अपराध में देश में बिहार का 29वां स्थान है, बलात्कार में देश का औसत है उस हिसाब बिहार का स्थान 33वां है। सीएम ने बताया कि लूट में 19वां स्थान, डकैती में 16वां स्थान, हत्या में 11वां स्थान है।
अपराध | बिहार का स्थान |
कुल अपराध | 23वें नंबर पर |
महिला अपराध | 29वां स्थान |
बलात्कार | 33वां स्थान |
लूट | 19वां स्थान |
डकैती | 16वां स्थान |
हत्या | 11वां स्थान |
याद दिलाया लालू और राबड़ी के शासन का हाल
नीतीश ने लालू कुनबे पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या स्थिति थी, पती पत्नी राज 15 साल उसके बाद मौका हमें मिला। क्या था पहले और क्या था आज। सामूहिक नरसंहार होते थे, लेकिन अब क्या स्थिति है। अपराध, भ्रष्टाचारा, कम्युनिलिज्म, इसको हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। पहले अपराध होता था कोई गवाह देने के लिए नहीं निकल पाता था। लोग पहले भागते थे गवाही देने से बचने के लिए। शाम होने से पहले ही लोग घर के अंदर चले जाते थे कोई घर के बाहर नहीं निकलता था। चंद लोग ऐसे थे जो गाड़ी में चलते थे तो बाहर में राईफल और बंदूक दिखाते हुए चलते थे। सबको कहूंगा कि पुराना फोटो सब जगह उपलब्ध है, बताईए सबको और देखिए पहले क्या होता था और अब क्या है।
क्विंटिलिया बाबा क्यों कहते थे लोग मुझे?
लोग हमें क्विंटिलिया बाबा बोलते है। उन्होंने पूछा कि कोई बताएगा कि क्यों लोगों ने ऐसा कहा। पहले कोई काम नहीं करता लेकिन हमने करके दिखाया और लोगों को बाढ़ राहत के तौर पर लोगों को 1-1 क्विंटल अनाज पहुंचाया था, इसके बाद जब दौरे पर गए तो लोग हमें क्विंटिलिया बाबा कहने लगे।
रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने बताया कि बाहर से आए 15 लाख से ज़्यादा लोग जो 14 दिन क्वारंटीन केंद्र में रखे गए, उनमें एक व्यक्ति पर राज्य सरकार की तरफ से 5,300 रुपये खर्च किए गए। लोगों को पता है कि बिहार जैसे राज्य में हमने किस तरह से लोगों की खिदमत की है। मैं किसी बात को प्रचारित नहीं करता रहा हूं, मेरी आदत नहीं है। मेरा काम है, कर्तव्य है लोगों की सेवा करना। बहुत लोग काम कम करते हैं प्रचार ज़्यादा।