नई दिल्ली. बिहार में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव होना है। इस चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बेहद तेज हो चली हैं। पटना लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। एलजेपी ने बिहार में चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। एलजेपी की तरफ से ये कहा गया है कि वो बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेंगे। अब एलजेपी ने बिहार चुनाव के मद्देनजर एक और बड़ा ऐलान किया है।
एलजेपी बिहार प्रदेश संसदीय बोर्ड अध्यक्ष राजू तिवारी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी उन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी, जहां पर भाजपा के उम्मीदवार चुनावी रण में होंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि अकेले चुनाव लड़ने का पार्टी के निर्णय पर कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है। जैसे केंद्र की सत्ता में भाजपा है, वैसे ही पार्टी चाहती है कि बिहार में एलजेपी और बीजेपी मिलकर सरकार चलाएं।
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उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। जिन सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार होंगे वहां एलजेपी अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी, बाकी बची हुई सीटों पर एलजेपी के प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का नारा है 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' और हम इस दिशा में काम करेंगे।
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जेडीयू के नेता कहते हैं कि उनकी पार्टी का एलजेपी से गठबंधन नहीं है, सिर्फ भाजपा से गठबंधन है। इसलिए हम भी कहते हैं कि हमारा गठबंधन भी सिर्फ भाजपा से है।
इससे पहले लोजपा के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर व लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का भाजपा के साथ मजबूत गठबंधन है लेकिन राज्य स्तर पर व विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जदयू से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोजपा ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि कई सीटों पर जदयू के साथ वैचारिक लड़ाई हो सकती है ताकि उन सीटों पर जनता निर्णय कर सके कौन सा प्रत्याशी प्रदेश के हित में बेहतर है। (ANI)