पटना: बिहार में 28 अक्टूबर से विधानसभा चुनावों के लिए मतदान शुरू होने जा रहा है, और पार्टियां मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही हैं। इस बार सूबे में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर कुल 3 चरणों में वोटिंग होगी जबकि नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। बिहार की कुम्हरार विधानसभा सीट पर भी दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान होगा। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने सिटिंग विधायक अरुण कुमार सिन्हा को उतारा है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से धर्मेंद्र कुमार ताल ठोकते हुए नजर आएंगे।
राजनीति के जानकारों की मानें तो इस बार कुम्हरार विधानसभा सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। हालांकि वर्तमान विधायक अरुण कुमार सिन्हा क्षेत्र के कद्दावर नेता हैं और उन्होंने 2015 में यह सीट काफी बड़े अंतर से जीती थी। पिछली बार जहां आरजेडी और जेडीयू साथ में लड़ रहे थे, वहीं 2020 में एक बार फिर से नीतीश की पार्टी बीजेपी के साथ आ गई है। बीजेपी और जेडीयू के साथ आने से अरुण कुमार सिन्हा को फायदा होने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन चुनावी राजनीति में आखिरी नतीजे ही सबकुछ तय करते हैं।
2015 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुण कुमार सिन्हा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार अकील हैदर को 37 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी थी। उन चुनावों में अरुण को कुल मिलाकर 87792 वोट मिले थे, जबकि हैदर के नाम के आगे का बटन 50517 लोगों ने दबाया था। तीसरे नंबर पर शिवसेना के सुमित रंजन सिन्हा रहे थे जिन्हें 3123 वोट मिले थे। इस सीट पर नोटा 9वें नंबर पर था जिसके पक्ष में कुल 860 वोट गए थे।