रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी। पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने इसकी घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की अगुवाई वाली RJD ने उनके साथ राजनीतिक मक्कारी की है। सुप्रीयो ने ऐलान किया कि ‘अच्छे दिन आने के अभी सिर्फ सपने देखने वाले लोगों’ से अलग अकेले ही वह चुनाव लड़ेगी। बता दें कि इस समय लालू के जेल में होने के कारण पार्टी से जुड़े फैसलों में तेजस्वी यादव की अहम भूमिका है।
कई सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी जेएमएम
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीयो भट्टाचार्य ने जेएमएम द्वारा झारखंड की सीमावर्ती 7 विधानसभा सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि आगे दूसरे और तीसरे चरणों के लिए भी कुछ अन्य सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार उतार सकती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा का यह कदम निश्चित तौर पर आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए झटका है क्योंकि चुनावी राजनीति में एक-एक वोट की अपनी कीमत होती है। झारखंड की सीमावर्ती कुछ विधानसभा सीटों पर जेएमएम बड़ी संख्या में वोट बटोरकर महागठबंधन की गणित को बिगाड़ सकता है।
बीजेपी और जेडीयू में बन गई बात
इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में मंगलवार को सीटों का बंटवारा हो गया। बंटवारे के तहत बीजेपी 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि जेडीयू के हिस्से में 122 सीटें आईं हैं। जेडीयू ने अपने खाते से जीतनराम मांझी की 'हम' पार्टी को 7 सीटें दी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जॉइन्ट प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस आशय की घोषणा की गई। लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान को झटका देते हुए बीजेपी ने साफ किया कि नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के नेता हैं और गठबंधन उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा।