पटना: बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियों ने अपने अभियान तेज कर दिए हैं। 28 अक्टूबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। गोविंदपुर विधानसभा सीट पर भी पहले चरण में ही मतदान होंगे, और यहां इस बार जनता दल युनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। पिछली बार गोविंदपुर सीट पर इन दोनों पार्टियों का संयुक्त उम्मीदवार उतरा था, लेकिन इस बार मामला पिछले चुनावों से काफी अलग है।
जनता दल युनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने जहां 2015 के विधानसभा चुनावों में विजय पताका फहराई थी, वहीं इस बार दोनों ही पार्टियां आमने-सामने हैं। जेडीयू ने जहां भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए का दामन थाम लिया है वहीं आरजेडी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहा है। पिछली बार कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार महागठबंधन की तरफ से आरजेडी ने अपना उम्मीदवार उतारा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जहां जेडीयू की तरफ से पूर्णिमा यादव ने दावा ठोका है, वहीं आरजडी ने मोहम्मद कामरान पर दांव लगाया है।
2015 के चुनावों की बात करें तो तब कांग्रेस में रही पूर्णिमा यादव ने बीजेपी की फूला देवी को लगभग साढ़े चार हजार वोटों के अंतर से हराया था। उन चुनावों में कांग्रेस की पूर्णिमा यादव को 43,016 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी की फूला देवी पर 38,617 लोगों ने ही अपना विश्वास जताया था। इन चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी मोहम्मद कामरान ने 32,646 वोट बटोरकर सबको हैरान कर दिया था। 2015 में नोटा पर भी 5411 वोट पड़े थे।