पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के महागठबंधन में अब तक सीट बंटवारे को लेकर उलझा गणित सुलझ नहीं पाया है, लेकिन हाल में ही झारखंड विधानसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित कांग्रेस ने इस बार अधिक सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस उन सभी सीटों पर नजर गड़ाए हुए है, जिस पर पिछले चुनाव में जनता दल युनाइटेड विजयी हुई थी या दूसरे नंबर पर थी। उल्लेखनीय है कि पिछले चुनाव में जदयू महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के साथ थी, लेकिन इस बार वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ हो गई है।
महागठबंधन में राजद के बाद कांग्रेस दूसरी नंबर की पार्टी है। ऐसे में कांग्रेस अपनी स्थिति को और मजबूत करने में जुटी है। पिछले चुनाव में कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें से 27 सीटों पर उसके प्रत्याशी विजयी हुए थे।
कांग्रेस इस चुनाव में इससे अब और आगे बढ़ने की जुगत में है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह पहले ही 80 सीटों पर दावेदारी ठोंक कर महागठबंधन में शामिल अन्य दलों को इसके संकेत दे चुके हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने पटना शहर की दो सीटों -- कुम्हरार और बांकीपुर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके अलावा, भागलपुर में पिछले चुनाव में जीती गई सीट भागलपुर और कहलगांव के अलावा सुल्तानगंज और नाथनगर पर भी दावा करने का पार्टी मन बना चुकी है। पार्टी का मानना है कि दोनों नए क्षेत्र अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र हैं, जिस पर आसानी से जीत हासिल की जा सकती है।
सूत्रों का दावा है कि सुल्तानगंज में पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पिछले चुनााव में बतौर निर्दलीय अपनी पहचान बना चुके नेता को पार्टी टिकट भी दे सकती है। कटिहार में एक की बजाय दो सीट, रोहतास में चेनारी के अलावा काराकाट, बिहारशरीफ और मुजफ्फरपुर के साथ ही अरवल की दो सीटों पर भी पार्टी दावा करने का प्रस्ताव तैयार कर चुकी है। इसमें भी चेनारी से कांग्रेस ने एक पूर्व विधायक को तैयारी करने को हरी झंडी दे दी है।
कांग्रेस के एक नेता बताते हैं कि पिछले दिनों कांग्रेस ने वर्चुअल रैली कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की थी। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति ने पिछले दिनों जिलावार पर्यवक्षकों को भेजकर संभावित प्रत्याषियों की सूची मंगवा चुकी है।
सूत्र कहते हैं कि यह सूची पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल द्वारा दोनों सचिव अजय कपूर और वीरेंद्र सिंह राठौर के स्तर पर फैसला के बाद स्क्रीनिंग कमिटी के माध्यम से आलाकमान को सौंपा जाएगा, इसके बाद ही कुछ तय होगा।