नई दिल्ली: बिहार में चुनाव आयोग ने तीन चरण की विधानसभा चुनाव की तारीखों घोषणा कर दी है। इसके साथ ही बिहार में चुनावी दंगल की शुरुआत हो चुकी है, जहां नीतीश कुमार अपनी सत्ता को बरकरार रखना चाहते हैं। आईएएनएस-सी वोटर बिहार ओपीनियन पोल सर्वे के अनुसार, 25.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने जनता दल यूनाइटेड-भारतीय जनता पार्टी सरकार के प्रदर्शन को अच्छा माना। वहीं 25.2 प्रतिशत ने इस प्रदर्शन को औसत और 49.6 प्रतिशत लोगों ने इसे खराब बताया।
सर्वे में शामिल कुल 27.6 प्रतिभागियों ने नीतीश कुमार को अच्छा माना, वहीं 27.2 ने औसत और 45.3 ने उन्हें खराब रेटिंग दी। नीतीश कुमार भाजपा के साथ अपनी सरकार के 15 साल पूरे कर लेंगे। वहीं 2015-17 के दौरान उन्होंने राजद और कांग्रेस से हाथ मिला लिया था।
2015 विधानसभा चुनाव में, राजद 243 विधानसभा चुनाव में 80 सीट जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। वहीं नीतीश कुमार की जदयू को 71 सीट, कांग्रेस को 27 सीटें मिली थीं। भाजपा को 53, लोजपा को दो, जीतन राम मांझी की हम ने एक सीट हासिल किया था। अन्य ने 10 सीटों पर कब्जा जमाया था।
भाजपा ने केवल 53 सीट जीतने के बावजूद 24 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया था। राजद को 18 प्रतिशत, जदयू को 17 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ था। कांग्रेस को महज 7 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि लोजपा को 4.8 प्रतिशत।