पटना. बिहार में चुनाव की वजह से सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। चुनावी माहौल में बिहार के मुख्यमंत्री की पार्टी जदयू ने बड़ा फैसला किया है। नीतीश कुमार की पार्टी ने 15 नेताओं को अगले 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। दरअसल जदयू ने ये एक्शन NDA के खिलाफ ही चुनाव मैदान में उतर चुके नेताओं के खिलाफ लिया है।
जेडीयू की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक जिन नेताओं को पार्टी से बाहर किया गया है उसमें डुमरांव से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे विधायक ददन पहलवान, सिकंदरा से लड़ रहे पूर्व मंत्री रामेश्वर पासवान, जगदीशपुर से लोजपा प्रत्याशी बने श्रीभगवान सिंह कुशवाहा, पूर्व विधायक रणविजय सिंह, चकाई से निर्दलीय उम्मीदवार बने सुमित कुमार सिंह शामिल हैं।
इसके अलावा महिला जेडीयू की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कंचन गुप्ता, युवा जेडीयू नेता तजम्मुल खां, रोहतास के पूर्व जिलाध्यक्ष अमरेश चौधरी, जेडीयू नेता सिंधु चौधरी, डॉ राकेश रंजन, मुंगेरी पासवान शामिल हैं. इसके साथ ही ददन पहलवान के बेटे करतार सिंह यादव को भी पार्टी से निकाला गया है।
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सोमवार को भाजपा ने निकाले थे 9 नेता
इससे पहले सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अपने 9 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया। भाजपा से निकाले गए नेताओं में राजेंद्र सिंह से लेकर रामेश्वर चौरसिया जैसे कद्दावर नेता शामिल हैं।बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल द्वारा जारी पत्र के मुताबिक पार्टी ने राजेंद्र सिंह, रामेश्वर चौरसिया, डॉ उषा विद्यार्थी, विधायक रवीन्द्र यादव, श्वेता सिंह, इंदु कश्यप, अनिल कुमार, मृणाल शेखर और अजय प्रताप को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के पत्र में कहा गया है कि ये सभी लोग एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पार्टी और एनडीए की छवि धूमिल हो रही है। लिहाजा उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला लिया गया है।