![Mahagathbandhan, Mahagathbandhan RJD, Mahagathbandhan Congress, Bihar Assembly Elections](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
पटना: बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए 28 अक्टूबर को मतदान शुरू होना है, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों में सीटों को लेकर तालमेल अभी तक नहीं बन पाया है। सूबे में विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मामला भले ही सुलझने की खबर आ रही है, लेकिन इसके घटक दलों के बीच पसंदीदा सीटों को लेकर अभी भी पेंच फंसा ही हुआ है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस बार पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है। बता दें कि 2015 में कांग्रेस ने 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।
2020 में मामला बिल्कुल बदल चुका है
हालांकि अब 2020 है और मामला बिल्कुल बदल चुका है। अब कांग्रेस अपनी जीती हुई सीटों के अलावा अधिकांश उन सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही है, जिस पर पिछले चुनाव में जनता दल (युनाइटेड) जीता था या दूसरे नंबर पर था। कांग्रेस के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस अपनी मनपसंद सीटें सुल्तानगंज, हिसुआ, मटिहानी, लखीसराय, सासाराम, भभुआ सहित कुछ अन्य सीटों पर लड़ना तय कर चुकी है। इधर, सूत्रों का दावा है कि राजद ऐसी सीटों को कांग्रेस को देना नहीं चाह रही है।
कई सीटों को लेकर कांग्रेस-RJD में ठनी
सूत्रों का दावा है कि RJD ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार तक तय कर दिए हैं। सूत्र कहते हैं कि RJD ने हिसुआ से एक अति पिछड़े और सुल्तानगंज से BJP से जुड़े एक वैश्य जाति के नेता को RJD ने प्रत्याशी तक चुन लिया है, जिसका विरोध कांग्रेस कर रही है। इसी तरह मटिहानी जैसी कांग्रेस की कई पसंदीदा सीटें वामपंथी दलों के हिस्से चली गई हैं। सूत्र यह भी कहते हैं कि कांग्रेस को कई ऐसी शहरी सीटें भी दिए जाने की सूचना है, जहां भारतीय जनता पार्टी परंपरागत रूप से काफी मजबूत है। ऐसे में एकबार फिर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस में ठन गई है। (IANS)