नई दिल्ली. भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को ऑनलाइन तरीके से बिहार के लोगों को संबोधित करेंगे। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए इसे भाजपा के चुनावी अभियान के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है। भगवा पार्टी इस आयोजन को सफल बनाने के लिए तमाम प्रयास में जुटी है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण किसी बड़ी राजनीतिक सभा का आयोजन नहीं हो सकता है।
हालांकि, यह ऑनलाइन रैली भाजपा के एक महीने चलने वाले अभियान का हिस्सा है, जिसमें मोदी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया जा रहा है। केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर यह आयोजन हो रहा है। संभावना है कि शाह आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर ध्यान केंद्रित रखेंगे।
बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोजपा के साथ गठबंधन है। बिहार भाजपा के नेताओं ने कहा है कि पार्टी ने शाह के भाषण को सुनने के वास्ते अपने कार्यकर्ताओं और लोगों के लिए 72,000 से ज्यादा मतदान केंद्रों पर इंतजाम किया है।
संकट के बीच शाह की रैली राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश: तेजस्वी
बिहार में अमित शाह की डिजिटल रैली से भाजपा के चुनावी बिगुल बजाने के एक दिन पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संकट के समय चुनाव अभियान चलाना राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि भले ही लोगों की जान जाए लेकिन भगवा पार्टी की दिलचस्पी केवल चुनावी जीत में है।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ ‘‘सौतेला’’ व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा होगा। पीटीआई-भाषा को दिए गए एक साक्षात्कार में यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गरीबों की हितैषी तथा संविधान को सर्वोच्च मानने वाली समान विचाराधारा की पार्टियां एक साथ आएंगी और राज्य में ‘‘15 साल की विभाजनकारी और नाकाम सरकार’’ के खिलाफ लड़ेंगी।