पटना. AIMIM के नेता और हैदराबाद के सांसद सांसद असदुद्दीन औवैसी ने बिहार चुनाव में उतरकर भाजपा को फायदा पहुंचाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बिहार में लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल के कारण भाजपा गठबंधन जीतता रहा है। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव की पार्टी के साथ एक अलग मोर्चा गठित किया है। औवेसी ने दावा किया कि आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि AIMIM के चुनाव लड़ने से भाजपा को फायदा नहीं होता। असदुद्दीन औवैसी ने ‘भाषा’ से साक्षात्कार में कहा कि महाराष्ट्र में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद -उल-मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के साथ चुनाव लड़ने और बाद में बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ी शिवसेना के साथ सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी उन्हें धर्मनिरपेक्षता का पाठ न पढ़ाए।
राजद ने लगाए वोट कटवा होने के आरोप
RJD द्वारा ‘‘वोट कटवा’’ कहे जाने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि जो लोग उन्हें वोटकटवा कहते हैं वे 2019 के लोकसभा चुनाव में हुए अपने हश्र को याद कर लें। राजद लोकसभा चुनाव में अपने मजबूत गढ़ में हार गई तो इसके लिये एआईएमआईएम कैसे जिम्मेदार हो सकती है। कांग्रेस और राजद पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, ‘‘मुस्लिम मतदाताओं पर किसी का अधिकार नहीं है। कोई मुस्लिम मतदाताओं पर किस हैसियत से दावा करता है यह समझ में नहीं आता है। लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से हार गए तब इसके लिये हम कैसे जिम्मेदार हैं।’’लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारी थी RJD
गौरतलब है कि पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस और कुछ छोटे क्षेत्रीय दलों के गठबंधन को बिहार में राजग के हाथों बुरी परायज का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस सिर्फ किसनगंज सीट जीतने में सफल रही थी जबकि राजद का खाता नहीं खुला था। हाल ही में जीतन राम मांझी की ‘हम पार्टी’ और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा विपक्षी महागठबंधन से अलग हो गई। आवैसी ने कहा, ‘‘हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए चुनाव लड़ते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के लिये AIMIM और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक के बीच गठबंधन हुआ है। कई पार्टियां हमारे संपर्क में हैं, उनसे बातचीत हो रही है। हम उन सभी पार्टियों का स्वागत करते हैं जो साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ना चाहते हैं।’’
'राजद की वजह से जीतती है भाजपा'
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी बातचीत उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और बहुजन समाज पार्टी के साथ भी हो रही है, उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गठबंधन संयुक्त जनतांत्रिक सेकुलर गठबंधन (यूडीएसए) के संयोजक देवेन्द्र प्रसाद यादव चर्चा कर रहे हैं और वे बातचीत करके इस बारे में निर्णय करेंगे।’’ उन्होंने कहा,‘‘अगर बिहार में भाजपा जीतती रही है तो उसकी जिम्मेदार राजद है। राजद की वजह से भाजपा बिहार में जीतती रही है।’’
'सेक्युलर पार्टियों की ओर से किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं'
ओवैसी ने कहा कि बिहार में अब महागठबंधन रहा ही कहां है। राष्ट्रीय जनता दल ने महागठबंधन बनाकर जनता को धोखा दिया। पिछले चुनाव में महागठबंधन में नीतीश कुमार थे, अब नीतीश भाजपा के साथ हैं। तो अब महागठबंधन कहां बचा। भाजपा की ‘बी टीम’होने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें सेक्युलर पार्टियों की ओर से किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है और ये प्रमाणपत्र उन्हें किसी तरह से प्रभावित नहीं करते । औवैसी ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस एआईएमआईएम के साथ चुनाव लड़ी और बाद में बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ी शिवसेना के साथ सरकार बनाया।
'लालू-नीतीश राज में बिहार का कोई फायदा नहीं हुआ'
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस या कोई अन्य तथाकथित सेकुलर दल हमें धर्मनिरपेक्षता का पाठ न पढ़ाए। हम उनकी बातों को खारिज करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि हम किसी एक धर्म की राजनीति नहीं करते हैं। हम पर जो आरोप लगाया जाता है वह गलत है। ओवैसी ने कहा कि बिहार में पहले 15 वर्षो तक लालू प्रसाद की पार्टी राजद के शासन रहा और फिर 15 वर्षो के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन का शासन रहा लेकिन इन दोनों से बिहार को कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आज बिहार में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब है, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है तथा राष्ट्रीय आपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य में अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
'बिहार की जनता घुटन महसूस कर रही है'
AIMIM नेता ने कहा, ‘‘बिहार की जनता घुटन महसूस कर रही है। राज्य की जनता को विकल्प चाहिए। हम इस चुनाव में मजबूत गठबंधन बनाकर विकल्प देंगे।’’ बिहार चुनाव में एआईएमआईएम एवं गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि 2015 के चुनाव में हम 6 सीटों पर चुनाव लड़े थे और तब सफलता नहीं मिली लेकिन संगठन का काम जारी रहा। इसी की बदौलत जब किशनगंज सीट पर उपचुनाव हुआ तो हमारे प्रत्याशी ने जीत दर्ज की। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बिहार के लोगों का दिल जीतना है। हमें पूरा यकीन है कि हम इसमें कामयाब होंगे।’’ गौरतलब है कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम बीते कुछ सालों से बिहार के सीमांचल क्षेत्र में काफी सक्रिय है। माना जा रहा है कि कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया जैसे क्षेत्र में ओवैसी राजद नीत महागठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। (भाषा)
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