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Yogendra Singh Yadav: सीने पर 15 गोलियां, फिर भी पाकिस्तानी सैनिकों को मार कारगिल में लहराया था तिरंगा, पढ़ें योगेंद्र यादव की दिलेरी भरी कहानी

हमारे देश में न जाने ऐसे कितने हीरो है, जिन्होंने भारत माता की रक्षा के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया है। उनके जज्बे के आगे दुश्मनों को झुकना ही पड़ा। ऐसे ही एक जवान योगेंद्र यादव की कहानी पढ़ें...

Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published : May 10, 2023 14:23 IST, Updated : May 10, 2023 14:23 IST
Yogendra Singh Yadav:
Image Source : FILE Yogendra Singh Yadav

Yogendra Singh Yadav: हमारे देश में वीर सपूतों की कमी नहीं है। देश की आजादी से लेकर सुरक्षा, एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अनगिनत वीरों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है। हमारे देश के जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए हर मुसीबत का डटकर सामना किया है। हम ऐसे कई वीरों को भूल जाते हैं। ऐसे ही देश के एक सपूत हैं 'योगेन्द्र सिंह यादव'। आज इनका जन्मदिन है इस मौके पर हम आपको इस वीर के शौर्य और पराक्रम के बारे में बताएंगे।

7 जवानों ने संभाला था मोर्चा

5 जुलाई 1999 का दिन.. जब 18 ग्रनेडियर्स के 25 सैनिक कारगिल की ओर आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान पाकिस्तान के सैनिकों ने हमारे वीरों पर हमला कर दिया। पाकिस्तानी सैनिक ऊंचाई से गोलीबारी कर रहे थे और ऐसे में वो हमारे जवानों पर हावी हो रहे थे। नतीजा ये हुआ कि 25 में से 18 जवानों को पीछे हटना पड़ा और मोर्चे पर सिर्फ 7 जवान रह गए। इनमें से एक योगेन्द्र यादव थे। हमारे जवानों का पराक्रम देखिए सहज सातों जवानों ने कई पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। फिर एकाएक पाकिस्तान को भनक लग गई कि भारत के सैनिकों की संख्या कम है और पाकिस्तानी सैनिक वहां पहुंच गए और दोनों ओर से जबरदस्त फायरिंग हुई। इस दौरान हमारे सातों वीरों को गोलियां लगीं। योगेन्द्र सिंह यादव को छोड़कर उनके अन्य सभी साथी मौके पर ही शहीद हो गए।

15 गोलियां लगने के बावजूद मार गिराए पाकिस्तानी सैनिक

योगेन्द्र यादव के सारे 6 जवान शहीद हो चुके थे। खुद योगेन्द्र यादव भी मरणासन्न अवस्था में पड़े थे। उनकी बस थोड़ी-सी सांस चल रही थी। पाकिस्तानी सैनिकों को लगा कि योगेन्द्र भी शहीद हो गए हैं। वे भारतीय सैनिकों की तलाशी लेने लगे।  लेकिन योगेन्द्र यादव ने बड़ी चालाकी ने पाकिस्तानियों के हाथ वो 1 ग्रेनेड नहीं लगने दिया जो उनके जेब में रखा था। योगेन्द्र को भले ही कई गोलियां लग चुकी थीं, लेकिन वे एक ही बात सोच रहे थे कैसे दुश्मन को खत्म किया जाए। इस अवस्था में भी उन्होंने खुद को दोबारा तैयार किया और ग्रेनेड को अपनी जेब से निकालकर पाकिस्तानी सैनिक की ओर फेंक दिया। जैसे ही ग्रेनेड पाकिस्तानी सैनिक के पास गिरा उन दुश्मन के परखच्चे उड़ा दिए। जब तक अन्य पाकिस्तानी सैनिक हालात से संभल पाते, पास ही पड़ी राइफल उठाकर योगेन्द्र ने फायरिंग शुरू कर दी और सभी पाकिस्तानियों को मार गिराया। 

इसके बाद योगेन्द्र पास में ही बह रहे एक नाले में कूद गए। जिसमें बहकर वह अपने साथी जवानों और उच्चाधिकारी के पास तक जाने में सफल रहे। इसी बीच पाकिस्तानी वायरलेस में भारत बेस पर हमले की बात कही जा रही थी, जिसे सुन योगेन्द्र ने ये फैसला किया कि वे इतनी जल्दी अपनी जान नहीं देंगे। वे बेस पर अपने साथियों को सूचना जरूर देंगे। योगेन्द्र ने इसकी जानकारी बेहाश होने से पहले अपने अधिकारी को दी। जिसके बाद भारतीय जवानों पाकिस्तानियों को करारा जवाब दिया। 

मिला परमवीर चक्र

अपने पराक्रम और देशभक्ति के लिए योगेन्द्र यादव को भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। बता दें कि योगेन्द्र यादव अब रिटायर हो चुके हैं। वह फिलहाल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में स्थित औरंगाबाद अहीर गांव में रहते हैं।\

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