नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) जल्द ही राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातकोत्तर), या एनईईटी पीजी 2023 कटऑफ को कम करेगा। यह जानकारी एनएमसी सदस्य डॉ. हरीश गुप्ता ने जानकारी दी है। बता दें कि इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने स्वास्थ्य मंत्री को इस विषय में एक लेटर भी लिखा है। जानकारी के मुताबिक, NEET PG 2023 कटऑफ में कमी को लेकर चर्चा की जा रही है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, डॉ. हरीश गुप्ता ने NEET PG 2023 कटऑफ में कमी को लेकर चर्चा की है। हालांकि, अधिकारी ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि आयोग NEET PG कटऑफ कम करने की घोषणा कब करेगा या संशोधित कटऑफ क्या होगी। उन्होंने कहा कि कटऑफ में कमी से एजुकेशन की क्वालिटी कम नहीं होगी और मेडिकल एजुकेशन से कोई समझौता नहीं होगा क्योंकि छात्र एमबीबीएस के लिए कठिन सिलेबस पास करने के बाद आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि एमबीबीएस कोर्स इस तरह से बनाया गया है जो देश की मेडिकल जरूरतों को पूरा करता है।
कटऑफ होगा संशोधित
जैसा कि पहले जिक्र किया गया है, इंडियन एक्सप्रेस द्वारा छपी एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, एनएमसी के सदस्य ने पुष्टि की कि मेडिकल एसोसिएशन की मांग के जवाब में एनईईटी पीजी 2023 कटऑफ में कमी की जाएगी। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सहित मेडिकल एसोसिएशन ने कटऑफ 30 प्रतिशत कम करने की मांग की है।
अभी क्या है कटऑफ पर्सेंटाइल?
जानकारी दे दें कि अभी वर्तमान में, जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पोस्टग्रेजुएट(NEET PG) का कटऑफ प्रतिशत 50 प्रतिशत, पीडब्ल्यूडी कैटेगरी के लिए 45 प्रतिशत और रिजर्वड कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए 40 प्रतिशत निर्धारित है।
कब जारी होंगे तीसरे राउंड के सीट अलॉटमेंट रिजल्ट?
एनएमसी ने अभी तक एनईईटी पीजी 2023 राउंड 3 सीट अलॉटमेंट रिजल्ट की घोषणा नहीं की है, जो शुरू में 16 सितंबर को आने वाला था। उम्मीद है कि आयोग संशोधित कटऑफ के साथ एनईईटी पीजी 2023 रिजल्ट जारी करेगा। हालांकि, रिजल्ट जारी होने या संशोधित कटऑफ की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
IMA ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा लेटर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने नीट पीजी 2023 के लिए कटऑफ मानदंड में बदलाव के संबंध में 13 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री को एक पत्र लिखा है। एसोसिएशन ने पत्र की एक प्रति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी पोस्ट की है। आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से पोस्टग्रेजुएट प्रोग्रामों में बड़ी संख्या में छात्रों को शामिल करने और सीट की बर्बादी को कम करने के लिए कट-ऑफ मानदंडों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।