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आपने सोचा है कभी कि रेलवे ट्रैक पर क्यों पड़े होते हैं पत्थर? जानें इसकी वजह

रेल सफर के दौरान आप सभी ने रेलवे टैक्स पर पड़े पत्थरों को जरूर देखा होगा। लेकिन आपने कभी इस बात पर गौर नहीं किया होगा कि आखिर ये पत्थर ट्रैक्स पर क्यों पड़े होते हैं। इस खबर के जरिए आज हम आपको इस बात की जानकारी देंगे।

Written By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: March 17, 2023 16:08 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : PEXELS प्रतीकात्मक फोटो

why stones are lying on the railway track: इंडियन रेलवे को अपने देश की लाइफलाइन कहा जाता है। रोजाना लाखों लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रेल का सफर करते हैं। सफर के दौरान आप सभी ने रेलवे टैक्स पर पड़े पत्थरों को जरूर देखा होगा। लेकिन आपने कभी इस बात पर गौर नहीं किया होगा कि आखिर ये पत्थर ट्रैक्स पर क्यों पड़े होते हैं। इस पर बात करने से पहले आप यह जान लें कि जो पटरी आपको दिखाई  देती है वो उतनी सिंपल होती नहीं है जितनी कि दिखती है। पटरी के नीचे कंक्रीट से बनी बड़ी-बड़ी प्लेट्स होती हैं जिन्हें स्लीपर कहा जाता है। इसके नीचे बिछे होते हैं पत्थर जिनको Ballast कहा जाता है। अब सवाल ये है कि ट्रैक्स पर आखिर ये नुकीले आड़े-तिरछे पत्थर क्यों बिछे होते हैं? इसके पीछे की आखिर वजह क्या है? इन सारे सवालों के जवाब आज हम इस खबर के जरिए देंगे। 

प्रतीकात्मक फोटो

Image Source : PEXELS
प्रतीकात्मक फोटो

दरअसल, ट्रैक पर बिछे हुए पत्थर कंक्रीट की स्लीपर्स को मजबूत और लंबे समय तक टिकने में मदद करता है और ट्रैक पर पड़े पत्थर इसे जकड़ कर रखते हैं। ट्रैक पर पड़े पत्थर ही स्लीपर को बेहद मजबूती के साथ एक जगह स्थिर रखने में मदद करता है। जब ट्रेन रेलवे ट्रैक से गुजरती है तो बहुत ज्यादा शोर और तेज कंपन होता है। इसी शोर और पत्थर को ट्रैक पर पड़े पत्थर कम करते हैं और कंपन के समय ट्रैक के नीचे की पट्टी यानी स्लीपर्स को फैलने से रोकते हैं। 

प्रतीकात्मक फोटो

Image Source : PEXELS
प्रतीकात्मक फोटो

जब हम गौर से ट्रैक को देखते हैं तो हमें दिखता हैं कि ये थोड़ा ऊंचाई पर बनाए जाते हैं। इसके नीचे बहुत सारे सेटिंग्स होते हैं। कंक्रीट के बने स्लीपर्स बेहद अहम होते हैं, इनके ऊपर ही पटरी को बिछाया जाता है। ये स्लीपर्स ही होते हैं जो इतनी वजनीली रेल के गुजरने के बाद भी पटरी के गैप को बनाए रखते हैं। इसमें इनकी मदद करते हैं ट्रैक पर पड़े पत्थर, जो इन स्पलीपर को एक जगह रखती हैं जो इनका काम है। आसान भाषा में समझें तो ट्रैक पर पड़े पत्थर स्लीपर को एक जगह रखने का काम करते हैं। वहीं, पटरी के बीच के गैप को मेनटेन रखने का काम ये स्लीपर करते हैं।  

यानि कि हम कह सकते हैं कि मेन काम पत्थर ही करता है। लेकिन इन पत्थर में भी आड़े-तिरछे और नुकीले पत्थर का ही इस्तेमाल किया जाता है कोई और शेप का पत्थर नहीं। 

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