हम सब जानते हैं कि जंगल का राजा शेर होता है। जंगल के राजा होने के बावजूद शेर से भी ताकतवर कई जानवर होते हैं। वैसे ही आपने एक बात तो सुनी ही होगी कि 'पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं' करना चाहिए। जानकारी के मुताबिक इस बात की मजबूती को आपको ऐसे समझना चाहिए कि जंगल का राजा जब पानी पीने के लिए किसी तालाब या झील पर जाता है तो पानी पीने के वक्त बेहद चौकन्ना रहता है, क्यों कि पानी में मगरमच्छ का कोई मुकाबला नहीं। अगर मगरमच्छ पानी में किसी को भी खींच लेता है तो उसका 'मगर' की चपेट से बच पाना नामुमकिन है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिप्पो(दरियाई घोड़ा) के सामने मगरमच्छ की भी घिग्घी बंध जाती है। आखिर मगरमच्छ हिप्पो पर अटैक क्यों नहीं करते? इस सवाल का जवाब हम आपको इस खबर के जरिए देंगे।
चाह कर सभी नहीं कर पाते अटैक
मगरमच्छ के हिप्पो पर अटैक नहीं करने का मुख्य कारण है कि वह उससे बेहद ताकतवर होता है। चाहे पानी हो या जमीन हिप्पो विशालकाय और बेहद खतरनाक होता है। वह पानी में बहुत फर्तीला होता है। इसीलिए हिप्पो पर मगरमच्छ अटैक नहीं करते। यहां तक कि आपने टीवी में कई बार हिप्पो और मगरमच्छ को एक दूसरे के बगल में लेटे देखा होगा। ऐसा वे इसलिए नहीं करते कि वे उसपर अटैक करना नहीं चाहते। बल्कि हिप्पो के तातकवर होने की वजह से वे उसपर अटैक कर नहीं पाते और ये बात मगरमच्छ को बहुत अच्छी तरह पता होती है। लेकिन मगरमच्छ बेबी हिप्पो को अकेला पाने पर उसपर अटैक करने से नहीं चूकते। चूंकि बेबी हिप्पो को क्रोकोडाइल के साथ पानी में खलना पसंद होता है इसलिए बेबी हिप्पो के साथ हमेशा मादा हिप्पो मौजूद रहती है। जिसके डर से मगरमच्छ कुछ नहीं करते।
हिप्पो, दरियाई घोड़ा या वाटर होर्स कहो सबका मतलब एक ही है। ऐसे की कई क्लिप सामने आए हैं जिसमें हिप्पो को शेर पर भी भारी पड़ते हुए देखा गया है। हिप्पो एक बहुत गुस्सेल और विशालकाय प्राणी है। इसकी चमड़ी भी बेहद मोटी होती है, जो अटैक के दौरान इसके बचाव में बड़ा रोल अदा करती है। दरियाई घोड़े नाम के साथ घोड़ा शब्द जुड़ा है एवं "हिप्पोपोटामस" शब्द का अर्थ "वाटर होर्स" यानी "जल का घोड़ा" होता है परन्तु उसका घोड़ों से कोई संबंध नहीं है। हिप्पो मुख्यत: अफ्रीका का मूल निवासी है।
मगरमच्छ रेप्टीलिया वर्ग के सबसे बड़े जंतुओं में एक है। यह 4 से 25 मीटर तक लंबा हो सकता है। खारे पानी के मगरमच्छ दुनिया में सबसे बड़े होते हैं। वे 6.17 मीटर तक बढ़ सकते हैं और एक टन से अधिक वजन हो सकते हैं। इनकी(Crocodile) ऐवरेज आयु कम से कम 30-40 साल तक होती है।
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