हमारा देश भारत विविधताओं का देश है क्योंकि यहां के लोग विभिन्न भाषाएँ बोलते हैं। भारत में हर 2 किमी पर एक नई भाषा देखने को मिलती है। ऐसे ही यहां खाने में विविधता देखने को मिल जाती है। यहां कि लोग विभिन्न प्रकार का खाना खाते हैं, अलग-अलग त्यौहार मनाते हैं और भिन्न भिन्न धर्मों का पालन करते हैं। जहां भारत के हर राज्य में एक अलग भाषा देखने को मिलती है तो वहीं खाने में अलग स्पेशलिटी देखने को मिलती है। यहां कि लोग विभिन्न प्रकार का खाना खाते हैं, अलग-अलग त्यौहार मनाते हैं और भिन्न भिन्न धर्मों का पालन करते हैं।
खाने के शौकीनों की नहीं है कमी
भारत में खाने के शौकीन कम नहीं हैं, हर जगह के मशहूर और लजीज खाने की टेस्ट करने वाले अपने देश में काफी हैं। और बात अगर नॉर्थ इंडिया में देशी खाने की करें वो भी रोड साइड ढाबे की, या कोई भी ढाबा तो तंदूरी रोटी का नाम भी जुड़ ही जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि तंदूरी रोटी का ही जिक्र क्यों किया गया? दरअसल, हर कोई अलग-अलग करी खाने के लिए लेता है लेकिन तंदूरी रोटी को साथ में ज्यादातर लोग लेते ही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कुछ जगह ऐसी हैं जहां तंदूरी रोटी को बैन कर दिया गया है। आज हम आपको बताएंगे कि देश में तंदूरी रोटी को कहां बैन किया गया है और क्यों।
यहां लगा बैन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल में मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ शहरों पर तंदूर पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार वायु प्रदूषण के तेजी से फैलने के लिए ये कदम उठाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में तंदूरी रोटी नहीं मिल सकेगी, क्यों कि सरकार ने इन राज्यों पर तंदूरी रोटी को लेकर बेन लगाया है। बता दें कि मध्य प्रदेश में तंदूरी रोटी का सॉलिड चलन है। तंदूरी रोटी खाने के शौकीनों की राज्य में काफी बड़ी तादाद है। ऐसे में यहां पर तंदूरी रोटी खाने वाले शौकीनों को अब किसी और जगह का रुख करना होगा।
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