नई दिल्ली। 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द होने का असर विश्वविद्यालयों में होने वाले दाखिलो पर भी पड़ेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि इस बार परीक्षा रद्द होने के होने के होने के कारण केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाले वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट नहीं लिए जाएंगे। इसके साथ ही अब विश्वविद्यालय ने ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस वर्ष भी दाखिला प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी ने कहा है कि सीबीएसई बोर्ड बारहवीं कक्षा के नतीजे घोषित होने के बाद दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि कॉलेजों में यह दाखिला प्रक्रिया पिछले वर्ष के मुकाबले देरी से शुरू हो सकती है।
कुलपति ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 15 जुलाई के आसपास दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। विभिन्न राज्य बोर्ड और सीबीएसई के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के दाखिलों में एक समान महत्व दिया जाएगा।
12वीं की परीक्षा रद्द की जा चुकी है। लेकिन परिणाम किस आधार पर घोषित किया जाएगा यह फार्मूला अभी तय नहीं किया जा सका है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शिक्षा मंत्रालय को 2 सप्ताह का समय दिया है। इन 2 सप्ताह के दौरान शिक्षा मंत्रालय 12वीं का रिजल्ट घोषित करने का फार्मूला तय कर सकता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय में इस वर्ष भी स्नातक पाठ्यक्रमों का दाखिला मेरिट के आधार पर ही होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक फिलहाल प्रवेश परीक्षाओं को विकल्प के रूप में नहीं रखा गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी ने आईएएनएस से कहा इस साल सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) लागू होने की संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय की कट-ऑफ घोषित करते समय सीबीएसई मानदंड का पालन किया जाएगा।
डीयू के कार्यवाहक कुलपति पीसी जोशी ने कहा, यह निर्णय अभूतपूर्व कोविड स्थिति को देखते हुए लिया गया है। हम भारत सरकार के साथ हैं। हमारे प्रवेश मानदंड सख्ती से योग्यता के आधार पर होंगे। हम सीबीएसई बोर्ड की कसौटी का सम्मान करेंगे।रद्द करने की घोषणा करते हुए, केंद्र सरकार ने कहा कि कक्षा 12 के परिणाम एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंड के अनुसार संकलित किए जाएंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने आधिकारिक तौर पर कहा कि 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई जो भी फॉर्मूला अपनाएगा, हम उसी के आधार पर कट-ऑफ घोषित करेंगे। हर साल, डीयू अधिकांश पाठ्यक्रमों में कट-ऑफ के माध्यम से स्नातक प्रवेश आयोजित करता है, जिसकी गणना काफी हद तक कक्षा 12 के अंकों के आधार पर की जाती है।
गौरतलब है कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं। छात्रों अभिभावकों व शिक्षाविदों ने ने इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि 12वीं के छात्रों के रिजल्ट और मूल्यांकन को लेकर प्रश्न अभी भी बाकी हैं। देशभर के कई प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों व शिक्षाविद मूल्यांकन प्रक्रिया को एक समान व पारदर्शी बनाने की अपील कर रहे हैं।