अगले साल से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का पुनर्गठन किया जाएगा, जो केवल उच्च अध्ययन प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसमें NEET-UG 2025, CUET-UG 2025 और UGC NET 2025 शामिल हैं। इस बात की पुष्टि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की। उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश का पालन करते हुए, परीक्षण एजेंसी भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं करेगी। इस बड़े बदलाव का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करना और हाल के वर्षों में परीक्षा लीक और तकनीकी गड़बड़ियों के बारे में चल रही चिंताओं को दूर करना है। यह फैसला इस वर्ष की शुरुआत में गठित एक उच्च स्तरीय पैनल की सिफारिश पर आधारित परीक्षा सुधारों का हिस्सा है।
दरअसल, परीक्षा सुधारों पर सरकार द्वारा नियुक्त पैनल ने एक बड़े कदम के तहत राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के व्यापक पुनर्गठन का प्रस्ताव दिया है। बता दें कि ISRO के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल की स्थापना जून में एनईईटी-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों के बाद की गई थी।
रिपोर्ट में क्या कहा?
राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली उच्च-स्तरीय समिति ने रिपोर्ट में कहा, "एनटीए को मुख्य रूप से प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करनी चाहिए। एनटीए की क्षमता बढ़ने के बाद अन्य परीक्षाओं के लिए इसका दायरा बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।" समिति ने एनटीए के पुनर्गठन का सुझाव देते हुए निदेशक स्तर पर 10 विशिष्ट कार्यक्षेत्रों की सिफारिश की। ये कार्यक्षेत्र प्रौद्योगिकी, उत्पाद और संचालन, परीक्षण सुरक्षा और निगरानी से संबंधित होंगे। इसमें कहा गया है, "NTA को आंतरिक स्तर पर विशिष्ट मानव संसाधनों और विशेषज्ञता, अनुभव और कौशल-युक्त एक नेतृत्व टीम से लैस करने की आवश्यकता है, जो भविष्य में परीक्षण प्रक्रिया का प्रभार संभाल सके।" समिति ने यह भी कहा कि एनटीए के पास एक ‘सशक्त और जवाबदेह’ शासी निकाय होना चाहिए, जिसमें परीक्षण का ऑडिट, नैतिकता और पारदर्शिता; नामांकन और कर्मचारियों की स्थिति; तथा हितधारक संबंधों की देखरेख के लिए तीन नामित उप-समितियां हों।
बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा था कि शिक्षा मंत्रालय इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बातचीत भी कर रहा है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG को पेन-एंड-पेपर मोड या ऑनलाइन मोड में आयोजित किया जाएं या नहीं। (Input With PTI)
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