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'पश्चिम बंगाल स्कूली शिक्षा का मौजूदा स्वरूप रहेगा बरकरार', राज्य की नई शिक्षा नीति का नोटिफिकेशन जारी

वेस्ट बंगाल के शिक्षा विभाग ने नई राज्य शिक्षा नीति (एसईपी) को अधिसूचित किया है। जारी की गई नोटिफिकेशन में स्कूली शिक्षा के मौजूदा स्वरूप को बरकरार रखा गया है।

Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published : Sep 11, 2023 21:49 IST, Updated : Sep 11, 2023 21:49 IST
सांकेतिक फोटो
Image Source : FILE सांकेतिक फोटो

वेस्ट बंगाल के शिक्षा विभाग ने नई राज्य शिक्षा नीति (एसईपी) को अधिसूचित किया है। जारी की गई नोटिफिकेशन में स्कूली शिक्षा के मौजूदा स्वरूप को बरकरार रखा गया है। राज्य की नई शिक्षा नीति में राज्य के 5+4+2+2 स्कूली संरचना को बरकरार रखने पर सहमति जताई गई है। नोटिफिकेशन में कहा गया,‘‘राज्य सरकार पश्चिम बंगाल में प्राथमिक से पहले (प्री प्रायमरी) से लेकर उच्च शिक्षा स्तर तक अपनी मौजूदा शिक्षा प्रणाली को बदलने की आवश्यकता पर विचार कर रही थी ताकि हाशिए पर मौजूद और वंचित लोगों सहित सभी छात्रों के लिए उच्च स्तर की शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।’’ नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘‘ राज्य सरकार ने इसके लिए प्रख्यात शिक्षाविदों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।’’ 

साल की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट राज्य शिक्षा विभाग को सौंपी थी

पश्चिम बंगाल सरकार ने अप्रैल 2022 को एक समिति गठित की थी जिसमें प्रतिष्ठित शिक्षाविद - गायत्री चक्रवर्ती, सुगत बोस, सुरंजन दास को शामिल किया गया था।  इस समिति का लक्ष्य नेशनल एजुकेशन पॉलिसी पर राज्य के रुख को तय करने में मार्गदर्शन देना था। नई शिक्षा नीति को 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जगह 29 जुलाई 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। समिति ने इस साल की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट राज्य शिक्षा विभाग को सौंपी थी। 

अधिसूचना में कहा, ‘‘इस समिति ने पक्षकारों के साथ विचार विमर्श के बाद अपने सुझाव सौंपे। राज्य सरकार ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर राज्य शिक्षा नीति 2023 के मसौदे को अंतिम रूप दिया राज्य मंत्रिमंडल ने सात अगस्त की बैठक में राज्य शिक्षा नीति 2023 को मंजूरी दे दी है। इसलिए इस पर विचार करते हुए राज्य शिक्षा नीति 2023 को यहां अधिसूचित किया जाता है।’’ 

5+4+2+2 स्वरूप रहेगा बरकरार 
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि SEP ने स्कूली शिक्षा के लिए 5+4+2+2 स्वरूप को बरकरार रखने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘‘ निर्दिष्ट नीति में प्राथमिक पूर्व शिक्षा के एक साल, क्लास 4 तक प्राथमिक शिक्षा के चार वर्ष, सेकेंड्री के दो वर्ष और हायर सेकेंड्री के दो वर्ष से शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्वरूप में एकमात्र बदलाव आंगनवाड़ी केंद्र में शिक्षा के पहले के दो वर्षों को शामिल करना, इसके बाद पूर्व प्राथमिक शिक्षा के एक साल होंगे। लेकिन प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक का शेष स्वरूप बरकरार रहेगा।’’ 

तीन भाषा फॉर्मूले पर क्या कहा गया
तीन भाषा फॉर्मूले के बारे में इसमें कहा गया, ‘‘इसे कक्षा पांच से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के आधार पर पेश किया जाएगा।’’ प्राइमरी लेवल पर पॉलिसी में सुझाव दिया गया है कि बांग्ला को एक सब्जेक्ट के तौर पर अन्य माध्यम के छात्रों के लिए कक्षा एक से शुरू किया जा सकता है। विशेषज्ञ समिति के सदस्य अवीक मजूमदार ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि स्कूली शिक्षा क्षेत्र को तर्कसंगत बनाने और उच्च अध्ययन तक के लिए सरकार ने हमारी सभी सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं। हमें उम्मीद है कि हमारी सिफारिशें हमारे छात्रों की मदद करेंगी।’’ उन्होंने कहा कि सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू करने के लिए एक समिति बनाने की सिफारिश पर भी सरकार विचार करेगी।

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