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यूपीएससी में जम्मू की अनमोल राठौड़ ने हासिल किया 7वां रैंक, जानें कितना चुनौती भरा रहा इनका सफर

UPSC के रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं, साथ ही आयोग टॉपर्स की लिस्ट जारी कर दी गई है। जानकारी दे दें कि जम्मू की अनमोल राठौड़ ने 7वीं हासिल की है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: April 17, 2024 12:04 IST
Anmol Rathore- India TV Hindi
Image Source : ANI अनमोल राठौड़

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) परीक्षा का रिजल्ट बीते दिन जारी कर दिया गया है। इस परीक्षा में आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप किया है। अनिमेष प्रधान ने दूसरी रैंक हासिल की और डोनुरु अनन्या रेड्डी तीसरे स्थान पर रहे। वहीं, इसमें जम्मू कश्मीर की अनमोल राठौड़ ने 7वीं रैंक हासिल की है, अनमोल राठौड़ ने अपने जर्नी के बारे में बात करते हुए बताया कि वह हमेशा बदलाव लाने के लिए समाधान का हिस्सा बनना चाहती थीं।

जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विस एग्जाम भी की थी क्वालिफाई

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विस एग्जाम में अनमोल राठौड़ ने फर्स्ट रैंक हासिल किया था। अनमोल ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य हमेशा यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करना रहा है। अनमोल ने आगे बताया, "पिछले साल मैंने जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा परीक्षा के लिए क्वालिफाई किया था, जिसमें मैंने पहली रैंक हासिल की, और साथ ही मैंने यूपीएससी की तैयारी भी जारी रखी। यूपीएससी में यह मेरा तीसरा प्रयास था। मैं बहुत खुश हूं कि मैंने इस परीक्षा को क्वालिफाई कर लिया।"

जानें क्या रही इनकी रणनीति

दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को क्रैक करने के लिए अपनी रणनीतियों के बारे में बताते हुए अनमोल ने कहा, "मैंने टॉपर्स द्वारा सुझाए गए बुनियादी सोर्सेज पर ध्यान दिया। मैंने कोई कोचिंग नहीं ली और एनसीईआरटी की किताबें और टेस्ट सीरीज़ सहित हर किसी द्वारा बेसिक प्रोसिजर का पालन किया।" इस बार मैंने मेन परीक्षा के लिए अपने आंसर राइटिंग पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया, और इंटरव्यू के दौरान, मैंने मुख्य रूप से वर्तमान मामलों और अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट, कानून को निखारने पर ध्यान दिया।

डीसी बन कई मुद्दों को करना है हल

अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए और अपने माता-पिता की बातों का उन पर कैसा प्रभाव पड़ा पूछने पर अनमोल ने कहा, "मैं हमेशा समस्या का हिस्सा बनने के बजाय समाधान का हिस्सा बनना चाहता था। अपने बचपन के दिनों में, मैं अपने माता-पिता से समस्याओं के बारे में पूछता था, जैसे सड़कों की स्थिति और घर पर टेलीफोन कनेक्शन नहीं था, पर मेरे माता-पिता ने प्रोत्साहित किया। अनमोल ने कहा, "मुझे डीसी बनना है और इन मुद्दों को हल करना है, और तब से मैं समाधान का हिस्सा बनना चाहता हूं।"

करना पड़ा एकेडमिक प्रॉब्लम्स का सामना

अपनी चुनौतियों पर बोलते हुए अनमोल ने बताया कि, कुछ हद तक उन्हें इससे निपटने में कुछ एकेडमिक प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ा क्योंकि वह किश्तवाड़ के एक दूरदराज के इलाके से जम्मू में ट्रांसफर हो गईं थी। उन्होंने कहा, "जम्मू जाने से पहले मैंने कक्षा 5 तक अपनी प्रारंभिक शिक्षा किश्तावर में पूरी की। ग्रामीण क्षेत्र से शहरी परिवेश में आने के कारण कुछ एकेडमिक बाधाएं आईं।" जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में अपने समय को याद करते हुए, अनमोल ने कहा, "बार-बार कर्फ्यू लागू किया जाता था, जिससे मैं हैरान हो जाती थी। तभी मेरे माता-पिता ने मुझे सलाह दी कि ऐसे मुद्दों को हल करने में योगदान देने के लिए, मुझे खुद को प्रशासन के साथ जोड़ लेना चाहिए।"

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