UPPSC 2022: बिहार के मुजफ्फरपुर के लाल आशुतोष कुमार ने जिले का नाम रोशन किया है। आशुतोष कुमार UPPSC 2022 में छठवीं रैंक लाकर जिले के साथ-साथ प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। आशुतोष की इस सफलता के बाद उनके घर पर शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा हुआ है। बता दें कि मुजफ्फरपुर के रहुआ गांव के किसान के बेटे हैं आशुतोष कुमार। उनके इस परिणाम से परिवार के साथ-साथ गांव के सभी लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। बता दें कि इससे पूर्व आशुतोष कुमार एसएससी की परीक्षा 2013 में पास कर 8 वर्षों से कस्टम ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं।
6वीं रैंक की हासिल
यूपीपीएससी की डीएसपी की मेरिट लिस्ट में आशुतोष कुमार ने 6वीं रैंक प्राप्त की है। आशुतोष कुमार को जल्द ही इस पद पर नियुक्ति होगी। बता दें कि आशुतोष के पिता का नाम रामेश्वर शर्मा हैं, ये पेशे से किसान हैं और इनकी मां का नाम ममता शर्मा है, जो गृहणी है। आशुतोष तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं दो छोटे भाई धीरज और सूरज भी B.tech कर बैंगलुरु में इंजीनियर है। आशुतोष इससे पूर्व 2013 में एसएससी की परीक्षा पास कर पश्चिम बंगाल में 8 वर्षों से कस्टम ऑफिसर के रूप में सेवा दे रहे हैं। बेटे के कामयाबी से पूरे परिवार में खुशी छाई हुई है, वहीं, इस खुशी में पिता रामेश्वर शर्मा और माता ममता शर्मा ने पूरे गांव को मिठाई खिलाकर खुशी व्यक्त की है। इस दौरान उनके आंख से खुशी की आंसू छलक रहे थे।
B.Tech में हैं गोल्ड मेडलिस्ट
पिता रामेश्वर शर्मा ने मीडिया को बताया कि उनके पुत्र ने काफी मेहनत के बाद यह पद हासिल किया है। आशुतोष बचपन से ही पढ़ने में होशियार रहे हैं। आशुतोष ने रोहुआ हाई स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की और एलएस कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की है। इसके बाद आशुतोष ने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया। फिर एसएससी परीक्षा पास कर कस्टम इंस्पेक्टर के रूप में आशुतोष की पश्चिम बंगाल में बहाली हुई। इसके बाद आशुतोष ने यूपीपीएससी की तैयारी करनी शुरू कर दी। काफी कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद इस साल आशुतोष ने यूपीपीएससी की परीक्षा क्लियर कर की है। उनके पिता बताते हैं कि आशुतोष कुमार ने कभी भी मेहनत से पीछे नहीं छुड़ाया और न ही अपनी हार नहीं मानी। उन्होंने नौकरी के दौरान भी अपनी स्टडी जारी रखी। इस बारे में जब आशुतोष से बात की गई तो उनका कहना है कि मेहनत से हर मुकाम हासिल किया जा सकता है।
(रिपोर्ट- संजीव कुमार)
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