यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में इस बार काफी सख्ती दिखाई दे रही है। इस बार सभी उम्मीदवारों को वेरीफिकेशन आधार बेस्ड किया गया है। साथ ही सभी के डाक्यूमेंट का मिलान किया जा रहा है। इससे उम्मीद की जा रही है कि सॉल्वर्स को रोकने में मदद मिलेगी। इसी दौरान परीक्षा से पहले 20 हजार अभ्यर्थी संदेह के घेरे में आ गए हैं। जानकारी दे दें कि यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 23 अगस्त से शुरू हो रही है।
20 हजार अभ्यर्थी पर संदेह
बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 20 हजार अभ्यर्थी संदेह के घेरे में है। इनके आधार कार्ड में दी गई जानकारी का डॉक्यूमेंट्स से मिलान नहीं हो रहा है। ऐसे में यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने परीक्षा स्टार्ट होने से ढाई घंटे पहले इन छात्रों को सेंटर्स पर बुलाया है। वही इनका E-वेरीफिकेशन कराया जाएगा जिनके डॉक्यूमेंट में गड़बड़ी मिलेगी उन पर एक्शन लिया जाएगा। सॉल्वर्स को रोकने के लिए अभ्यर्थियों के आधार का सत्यापन कराया गया है।
पुलिस रख रही नजर
साथ ही सिपाही भर्ती परीक्षा की लिखित परीक्षा के पेपर लीक, सॉल्वर रैकेट और नकल माफियाओ पर एसटीएफ और जिलों की पुलिस नजर रख रही है। इनमें वो लोग शामिल हैं जिनके नाम बीते 12 सालों के दौरान ऐसे केसेस में सामने आए हैं। इनमें सुभासपा की विधायक बेदीराम का नाम भी शामिल है, बेदीराम को पेपर लेकर के आरोप में एसटीएफ कई बार गिरफ्तार कर चुकी है। भर्ती बोर्ड ने एसटीएफ और जिला पुलिस को 1541 आरोपियों की सूची भी दी है, जिसमें ज्यादातर जमानत पर बाहर है, इन 1541 आरोपियों पर भी नजर रखी जा रही है।
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