आज यानी 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस है। इसी दिन यूपी ने अपने अस्तित्व में आया। उत्तर प्रदेश देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है। इतना ही नहीं यूपी कई मायनों में देश के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। सबसे ज्यादा विधानसभा और लोकसभा सीट यूपी में ही है। ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर ही गुजरता है। ये राज्य एक तरफ जहां देश की सियासत तय करता है, वहीं अपनी सांस्कृतिक और और ऐतिहासिक धरोहरों से मन भी मोह लेता है। आइए आज इस मौके पर यूपी के इतिहास के बारे में बात करते हैं।
यूपी शुरूआत से यूपी नहीं था। अंग्रेजी हुकुमत में इसका नाम यूनाइटेड प्रोविन्स था। जब इतिहास के पन्ने पलटते हैं तो पता चलता है कि 24 जनवरी 1950 को भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्रोविंस आदेश,1950 पारित किया था, जिसके मुताबिक, यूनाइटेड प्रोविन्स का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया।
कब में बना यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध?
सन् 1858 में लार्ड कैनिंग इलाहाबाद में रहने आ गए। उन्होंने ही उत्तरी पश्चिमी सूबे का गठन किया और सत्ता आगरा से इलाहाबाद ट्रासफर हो गई। इसके बाद साल 1868 में हाई कोर्ट भी आगरा से इलाहाबाद आ गया। इसके बाद 1856 में अवध के लिए एक मुख्य आयुक्त नियुक्त किया गया। इसके बाद कई जिलों को उत्तरी पश्चिमी सूबे में जोड़ा गया। 1877 में राज्य उत्तरी पश्चिमी सूबा और अवध के नाम से जाना जाने लगा। फिर 1902 में यूनाइटेड प्रोविंस आफ आगरा एंड अवध का नाम दिया गया।
ब्रिटिश के राज में 1 अप्रैल 1937 को पहली बार यूपी विधानसभा की बैठक हुई। तब यूपी विधानसभा यानी यूनाइटेड प्रोविंस असेंबली में महज 228 सदस्य थे। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के बाद उतर प्रदेश विधानसभा में 403 विधायक तय किए गए। भारत के नए संविधान के तहत 2 फरवरी 1950 को पहली बार अस्थायी उत्तर प्रदश विधानसभा का पहला सत्र शुरू हुआ। फिर देश भर में हुए चुनाव के बाद 19 मई 1952 को नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्यों के साथ विधानसभा की पहली बैठक हुई।
पहला विधानसभा स्पीकर
संयुक्त प्रांत की विधानसभा पहली बार 1 अप्रैल 1937 को शुरू की गई। 31 जुलाई 1937 को पुरुषोत्तम दास टंडन विधानसभा के पहले सभापति यानी स्पीकर और अब्दुल हकीम उपसभापति बनाए गए। आजादी के बाद विधानसभा पहली बार 3 नवंबर 1947 को आयेजित हुई। 4 नवंबर 1947 विधानसभा ने सारी कार्यवाही हिन्दी में करने के प्रस्ताव पास हुआ।
यूपी नहीं, महाराष्ट्र में शुरू हुई स्थापना दिवस
ये उत्तर प्रदेश यानी यूपी का 74वां स्थापना दिवस है। 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत से बदलकर इसका नाम उत्तर प्रदेश रखा गया। हालांकि यूपी दिवस औपचारिक तौर पर मनाने की परंपरा उत्तर प्रदेश में पुरानी नहीं है। ये 2017 में बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद शुरू हुआ। यूपी दिवस पहली बार 2018 में मनाया गया। इससे पहले बीजेपी नेता अमरजीत मिश्र 1989 से महाराष्ट्र इसका आयोजन करते थे। उन्होंने महाराष्ट्र के नेता राम नाईक के यूपी का राज्यपाल बनने के बाद यूपी दिवस आयोजित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन सपा सरकार ने प्रस्ताव खारिज कर दिया।
देश के सबसे ज्यादा पीएम यूपी से
यूपी ने ही देश को सबसे पीएम दिए है। पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, अटल बिहारी बाजपेयी और वर्तमान में नरेंद्र मोदी सभी को यूपी ने ही संसद भेजा है। यूपी में इस समय 80 लोकसभा और 403 विधानसभा सीटें हैं।
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