उत्तर प्रदेश में इन दिनों बोर्ड के एग्जाम चल रहे हैं। योगी सरकार ने बोर्ड परीक्षा के दौरान कड़े निर्देश दिए हैं कि किसी भी हाल में ये परीक्षा नकलविहीन आयोजित करवाई जाए। ऐसे में खबर आ रही है कि हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में नकल के खिलाफ कड़े एक्शन से डरकर पिछले हफ्ते भर में करीब 6.5 लाख स्टूडेंट ने परीक्षाएं छोड़ी हैं। इनमें से 1.7 लाख ने मंगलवार को हाईस्कूल की मैथ के एग्जाम छोड़ दिए। बता दें कि नकलविहीन परीक्षा आयोजित कराने के लिए यूपी सरकार ने कई तरह के कड़े कदम उठाए हैं। इससे नकल माफियाओं का कोई जुगाड़ कामयाब नहीं हो पा रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव ने इस बात की जानकारी दी।
बोर्ड रख रहा कड़ी निगरानी
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि हम नकल माफियाओं पर नकेल कसने में कामयाब रहे हैं। बोर्ड राज्य में सीसीटीवी कैमरों से परीक्षा केंद्रों, अधीक्षकों और कक्ष निरीक्षकों पर कड़ी निगरानी रखती है। इसलिए 10वीं और 12वीं के कई छात्रों ने इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षाएं छोड़ दी हैं। उन्होंने आगे कहा कि शुक्रवार को ही इसके संकेत मिलने लगे थे, जब 10वीं और 12वीं के 4.5 लाख से अधिक रजिस्टर्ड परीक्षार्थियों ने अपना हिंदी का पेपर छोड़ दिया था। शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि कंट्रोल रूम में तैनात टीम ने 12वीं कक्षा के गणित के पेपर के दौरान 7,083 एग्जाम सेंटरों पर निगरानी की गई।
14 सॉल्वर गैंग पर FIR दर्ज
शिकायतों के आधार पर अब तक राज्य भर में 14 सॉल्वर गैंग और कई अन्य नकल माफियाओं पर FIR दर्ज की गई है। वाराणसी में तो मंगलवार तक मैथ के पेपर के दौरान 10वीं के 16 स्टूडेंट और 7 गर्ल स्टूडेंट व 12वीं के एक स्टूडेंट को पकड़ा गया था। वहीं 12वीं के कॉमर्स और होम साइंस तथा 10वीं के कंप्यूटर की दूसरी पाली के पेपर में करीब 25,000 से ज्यादा छात्र नदारद रहे।
NSA की कार्रवाई
बता दें कि यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए योगी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इस आदेश के मुताबिक, नकल करने और कराने वालों को 3 महीने तक बिना आरोप तय किए हिरासत में रखा जा सकता है। वहीं, एग्जाम में बाधा डालने या सिस्टम को प्रभावित करने वालों पर गैंगस्टर ऐक्ट लगाकर उनकी संपत्ति कुर्क किए जाने की भी बात भी कही गई है।