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दिल्ली में बनेगा रोजगार व व्यवसाय दिलाने वाला 'विश्वविद्यालय'

दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य अपने हर छात्र को रोजगार दिलाना अथवा व्यवसाय शुरू करने योग्य बनाना है। इस यूनिवर्सिटी में बच्चों को नौकरी लायक कौशल (स्किल) देकर ऐसा प्रशिक्षण कराया जाएगा,

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 12, 2020 17:54 IST
'University' to provide employment and business in Delhi- India TV Hindi
Image Source : PTI 'University' to provide employment and business in Delhi

नई दिल्ली। दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य अपने हर छात्र को रोजगार दिलाना अथवा व्यवसाय शुरू करने योग्य बनाना है। इस यूनिवर्सिटी में बच्चों को नौकरी लायक कौशल (स्किल) देकर ऐसा प्रशिक्षण कराया जाएगा, जिससे उन्हें यूनिवर्सिटी से बाहर निकलते ही तुरंत नौकरी मिल सके। इसी तरह, जो बच्चे बिजनेस करना चाहते हैं, उन बच्चों को बिजनेस करने के लिए तैयार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली निवासियों के लिए यह एक बहुत अच्छी और बड़ी खुशखबरी है। हमारा सपना था कि हर युवक को रोजगार मिले। देश में बहुत बेरोजगारी है। एक वो युवा हैं, जिनको पढ़ाई-लिखाई नसीब नहीं होती है। दूसरे वो युवा हैं, जो पढ़-लिखकर भी बेरोजगार हैं। हमारी शिक्षा प्रणाली ऐसी है, जो बच्चों को रोजगार के लिए तैयार नहीं करती।"

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय शुरू करने का हमारा सपना था। हमने आज उस सपने को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है। आईआईएम की प्रोफेसर रहीं नेहारिका वोहरा विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर बनाई गई हैं। डॉ. प्रमथ राज सिन्हा, प्रमोद भसीन, संजीव बिकचंदानी, श्रीकांत शास्त्री, प्रो. के.के. अग्रवाल और प्रो. जी. श्रीनिवासन बोर्ड के मेंबर बनाए गए हैं। यह सभी अपने-अपने क्षेत्र में काफी अनुभव रखते हैं।"

इस यूनिवर्सिटी का पहला एकेडमिक सत्र अगले साल से शुरू होने की उम्मीद है। बोर्ड मेंबर, कंपनियों से सलाह लेकर ऐसा कोर्स तैयार करेंगे, ताकि युवाओं को कंपनियां बुलाकर नौकरी दे सकें। दिल्ली सरकार द्वारा बनाए जा रहे इस नए विश्वविद्यालय को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय में गुणवत्ता और मात्रा पर जोर होगा। इसमें पारंपरिक कौशल से लेकर भविष्य तक के कौशल प्रशिक्षण के प्रकार के उच्च गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम होंगे। साथ ही, मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए मांग के अनुरूप पर्याप्त संख्या में सीटें होंगी।"

सीएम केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय की शुरूआत हो गई है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और बोर्ड मेंबर नियुक्त कर दिए गए हैं। मैंने सभी से एक ही बात कही। इस इंडस्ट्री की एक ही विचारधारा होगी, इस यूनिवर्सिटी का एक ही उद्देश्य होगा, कि इससे निकलने वाले हर एक बच्चे को जो नौकरी चाहता है, उसे नौकरी मिलनी ही चाहिए और जो अपना बिजनेस करना चाहता है, वह कोर्स पूरा करने के बाद तुरंत अपना बिजनेस कर सके।"

प्रोफेसर नेहारिका वोहरा इस यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नियुक्त की गई हैं। प्रो. नेहारिका वोहरा ने आईआईएम अहमदाबाद में काफी समय तक प्रोफेसर का काम किया। इनके पास करीब 20 साल तक पढ़ाने का अनुभव है। प्रो. वोहरा आईआईएम अहमदाबाद के सेंटर फॉर इनोवेशन इंक्यूवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप की चेयरपर्सन थीं।

यूनिवर्सिटी के बोर्ड मेंबर में शामिल डॉ. प्रमथ राज सिन्हा, जिन्होंने अशोका यूनिवर्सिटी समेत दो बड़े इंस्टीट्यूट शुरू किए। बोर्ड मेंबर में प्रमोद भसीन हैं, जिन्होंने जेनपैक 1997 शुरू किया था, उन्होंने अपना एक स्किल सेंटर भी चलाया है। साथ ही वो देश की कई कंपनियों के बोर्ड मेंबर हैं। वो सॉफ्टवेयर संस्था नैसकॉम के चेयरमैन रहे और उनको आईटी मैन ऑफ द इयर अवॉर्ड मिला है।

मेंबर में शामिल संजीव बिकचंदानी नौकरी डॉट कॉम के फाउंडर हैं। मेंबर श्रीकांत शास्त्री, जो कई सारे स्टार्टअप शुरू करा चुके हैं और कई सारे नए-नए इवेंचर्स शुरू करा चुके हैं। प्रोफेसर केके अग्रवाल, जो आईटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रह चुके हैं और प्रोफेसर जी. श्रीनिवासन बोर्ड मेंबर में शामिल हैं। इस तरह एक-एक व्यक्ति को चुन करके यूनिवर्सिटी का बोर्ड मेंबर बनाया गया है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "सबसे अहम होगा कि यह विश्वविद्यालय किस तरह से इंडस्ट्री के साथ तालमेल करके कोर्स शुरू करेगा। नौकरी देने वाली कंपनियां एक तरह से इनके एक कस्टमर हैं। यूनिवर्सिटी जो भी कोर्स डिजाइन करे, इनको पहले कंपनियों को दिखा लेना चाहिए। कंपनियों से पूछें कि अगर हम यह कोर्स पढ़ाएंगे, तो क्या आप नौकरी देंगे। अगर कंपनी कहती है कि हम नौकरी नहीं देंगे, अगर इंडस्ट्री कहती है कि हम नौकरी नहीं देंगे, अगर बिजनेस वाले कहते हैं कि हम नौकरी नहीं देंगे, इसका मतलब है कि वह कोर्स सही नहीं है।"

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