नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने मंगलवार को स्वामी विवेकानंद जयंती यानी 'युवा दिवस' के अवसर पर 'आई स्किल जूनियर प्रोग्राम' का शुभारंभ किया, जिसे खास भारतीय युवाओं को ध्यान में रखकर आई नेचर एजुकेशन सलूशन, बैंगलोर द्वारा डिजाइन किया गया है। यह भारत के युवाओं को भविष्य के नए आयाम सीखने में मदद करेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा, "भारत युवाओं का देश है और विवेकानंदजी ने हमेशा से युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। शिक्षा क्षेत्र में इस प्रकार के प्रयोग और प्रोग्राम युवाओं को नई दिशा देंगे और विवेकानंदजी के सपनों के भारत को स्थापित करने में मदद देंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 ने हमारे देश में शिक्षा के लिए बहुत प्रगतिशील दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है और कई अवसर खोले हैं।"
छात्रों और कौशल भारत के राष्ट्रीय मिशन के लिए कई सीखने के मार्ग की शुरुआत से प्रेरित होकर, आई नेचर ने आई स्किल जूनियर को डिजाइन किया है, जो सीखने का एक अभिनव मॉडल है जो आज के छात्रों को भविष्य के लिए तैयार होने में सक्षम करेगा।
ये प्रोग्राम छात्रों को सीखने के एक नए अनुभव के उद्देश्य से बनाया गया है, जो छात्रों की जन्मजात क्षमता को बढ़ने में मदद करता है और उन्हें 21वीं सदी के कौशल प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है जो उन्हें स्मार्ट निर्णय लेने में मदद करेगा और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेगा।
डॉ. निशंक ने कहा, "स्वामी विवेकानंदजी की जयंती पर मैं स्वामीजी को नमन करता हूं और देश के युवाओं को अनेक शुभकामनाएं प्रदान करता हूं।"
उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत की दृष्टि और भारत की प्रगति का संकल्प लेने वाले युवाओं को भारतीय दर्शन से प्राप्त होने वाला आनंद ही विवेकानंद है।"
आई नेचर एजुकेशन के अध्यक्ष सुजय नायर ने जोर देकर कहा, "इस प्रोग्राम की स्थापना, अनुसंधान, एडैप्टेशन और खुद के अनुभव से सीखने के मॉडल पर की गई है, जो छात्रों को नए आकर्षक अनुभव और एक अवसर प्रदान करता है।"उन्होंने कहा कि ये प्रोग्राम पूरे भारत में लाखों छात्रों के लिए नि:शुल्क चलाया जाएगा, ताकि इसका लाभ सभी युवा ले सकें।
वहीं, शिक्षा मंत्री ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा, "उनका हिमालय से गहरा प्रेम था और स्वामीजी ने कहा है कि ये पहाड़ हमारी सभ्यता की अति सुंदर स्मृतियों से जुड़े हुए हैं। अगर धार्मिक भारत से हिमालय को निकाल दिया जाए तो हमारे पास बताने के लिए शेष बहुत कम रह जाता है। उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में भी आई स्किल जूनियर प्रोग्राम हिमालया विश्वश्विद्यालय के साथ चलाया जाएगा।"