यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन्स (HEI) को लॉ स्टूडेंट के सुसाइड के बाद गहरी नींद से जगाया है। यूजीसी ने सभी संस्थानें से कहा कि दो सप्ताह के भीतर छात्रों के लिए शिकायत निवारण समितियां बनाएं। इसी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया गया है। यह सर्कुलर कोर्ट द्वारा ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन कोर्स चलाने वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों की शिकायतों के समाधान के लिए इन समितियों का गठन करने का आदेश दिए जाने के बाद आया है।
जारी किया सर्कुलर
यूजीसी ने आधिकारिक सर्कुलर में कहा, “माननीय न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में, शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह किया जाता है कि वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023 के अनुसार छात्र शिकायत निवारण समिति(ओं) का गठन करने के लिए तत्काल कदम उठाएं। विनियम यूजीसी की वेबसाइट ugc.ac.in पर उपलब्ध हैं।”
9 सितंबर को जारी किया था आदेश
यह निर्देश आईपी यूनिवर्सिटी के लॉ स्टूडेंट सुशांत रोहिल्ला की आत्महत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के 9 सितंबर 2024 के आदेश के बाद जारी किया गया है। यूजीसी ने पहले ही यानी 11 अप्रैल 2023 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023 जारी कर दिया था। इन विनियमों के अनुसार, सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को शिकायत निवारण समिति (एसजीआरसी) बनाना जरूरी है।
30 दिनों के भीतर कमेटी बनाने को कहा था
यूजीसी ने पहले 12 अप्रैल, 2023 को संस्थानों को 30 दिनों के भीतर इन समितियों का गठन करने के लिए अधिसूचित किया था, लेकिन कई ने अभी तक इसका अनुपालन नहीं किया है। यूजीसी ने अब अनुपालन के लिए अंतिम आह्वान जारी किया है, जिसमें जोर दिया गया है कि आगे कोई भी देरी कानूनी कार्रवाई का कारण बनेगी।
यूजीसी के आधिकारिक सर्कुलर के अनुसार, "कॉलेजों से अनुरोध है कि वे अपने द्वारा गठित एसजीआरसी का विवरण अपने संबद्ध विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराएं। बदले में, विश्वविद्यालयों से अनुरोध है कि वे अपने द्वारा गठित एसजीआरसी और अपने संबद्ध संस्थानों द्वारा गठित एसजीआरसी का विवरण, यदि कोई हो, 24 सितंबर 2024 तक फॉर्मेट में आधिकारिक ईमेल आईडी पर उपलब्ध कराएं।"
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