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ओपन और डिस्टेंस से पढ़ाई करने वाले छात्र खास ध्यान दें! UGC ने बदल दिया है नियम

डिस्टेंस या फिर ऑनलाइन माध्यम से हासिल की जाने वाली डिग्री को अब रेगुलर कक्षाओं के जरिए हासिल की गई डिग्री के समान माना जाएगा। हालांकि, यह मान्यता केवल उन शिक्षण संस्थानों को दी गई है जिन्हे UGC यानी यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग से मान्यता प्राप्त है।

Edited By: India TV News Desk
Published : Nov 30, 2022 11:27 pm IST, Updated : Nov 30, 2022 11:27 pm IST
 UGC- India TV Hindi
Image Source : PTI ओपन और डिस्टेंस से पढ़ाई करने वाले था खास ध्यान दें

अब यूनिवर्सिटियों को ओपन और डिस्टेंस शैक्षणिक पाठ्यक्रम शुरू करने से पहले यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (UGC) से मंजूरी लेना अनिवार्य है। इस विषय में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि देश भर के विभिन्न यूनिवर्सिटी, मुक्त और दूरस्थ शिक्षा मोड में पाठ्यक्रम की पेशकश कर सकते हैं, लेकिन UGC की मंजूरी के साथ। मंत्रालय के मुताबिक ओपन और डिस्टेंस शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को UGC द्वारा अधिसूचित संबंधित नियमों के तहत निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करना होगा।

यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग की 562वीं बैठक में मौजूदा नियमों में संशोधनों को मंजूरी दी गई थी और इन्हें 18 नवंबर को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। पिछले नियमों के अनुसार, यूनिवर्सिटियों को आयोग की पूर्व स्वीकृति के बिना मुक्त और दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों की पेशकश करने की अनुमति दी गई थी, बशर्ते वे नियमों के तहत निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करते हों।

क्या कहा यूजीसी ने

डिस्टेंस या फिर ऑनलाइन माध्यम से हासिल की जाने वाली डिग्री को अब रेगुलर कक्षाओं के जरिए हासिल की गई डिग्री के समान माना जाएगा। हालांकि, यह मान्यता केवल उन शिक्षण संस्थानों को दी गई है जिन्हे UGC यानी यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग से मान्यता प्राप्त है। UGC ने बताया कि मान्यता प्राप्त संस्थानों से ऑनलाइन और डिस्टेंस मोड में पढ़ाई करने के बाद हासिल की गई डिग्री को पारपंरिक रेगुलर कक्षा वाली डिग्री के समान ही माना जाएगा।

UGC सचिव रजनीश जैन का कहना है कि UGC की अधिसूचना के मुताबिक देश में ओपन, डिस्टेंस या ऑनलाइन माध्यमों के जरिए हायर एजुकेशन प्रदान करने वाले इंस्टिट्यूशन की डिग्री को रेगुलर शिक्षण संस्थानों की डिग्री के बराबर ही मान्यता दी जा रही है। UGC के मुताबिक यह मान्यता ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों ही सर पर दी गई है।

यूजीसी उठाएगी ठोस कदम

इसके अलावा देश में एक एकीकृत उच्च शिक्षा प्रणाली बनाने की कोशिश भी की जा रही है। इसके अंतर्गत जल्द ही देश के देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में सभी पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। नए बदलावों के तहत 3,000 या अधिक छात्रों वाले कॉलेज डिग्री प्रदान करने वाले बहु-विषयक स्वायत्त संस्थान बन जाएंगे। उच्च शिक्षा में इस नए परिवर्तन से जहां छात्रों के समक्ष पहले के मुकाबले अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे वहीं शिक्षण संस्थानों को भी अधिक स्वायत्तता मिलेगी।

इस बड़े परिवर्तन को लागू करने के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए देश भर के तमाम उच्च शिक्षण संस्थानों से संपर्क किया गया है। न केवल उच्च शिक्षण संस्थान बल्कि राज्य सरकारें भी इस बदलाव में भागीदार बनेंगी। UGC के मुताबिक इन बदलावों का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि छात्र अपने ही संस्थान में अपने मूल विषय के अलावा अपनी रूचि के अनुसार कोई और विषय पाठ्यक्रम या पूर्ण कालिक कोर्स में भी दाखिला ले सकेंगे। इस नए बदलाव की परिकल्पना तो UGC द्वारा पहले की जा चुकी थी, लेकिन अब इस संबंध में ठोस कदम उठाए गए हैं।

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