सीयूईटी-यूजी और NET परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार का एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक (सीयूईटी-यूजी) और राष्ट्रीय अर्हता परीक्षा (नेट) में इस साल से अंकों का जनरलाइजेशन समाप्त कर दिया जाएगा। कुमार ने कहा, "इस साल अंकों के जनरलाइजेशन(सामान्यीकरण) की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि किसी विषय की दोनों परीक्षा एक ही पाली में आयोजित की जाएगी।"
क्या है जनरलाइजेशन?
जनरलाइजेशन एक छात्र के अंक को इस तरह से संशोधित करने की एक प्रक्रिया है कि वह दूसरे के अंक के साथ तुलनीय हो जाए। यह तब आवश्यक हो जाता है जब एक ही विषय की परीक्षा कई सेशंस में आयोजित की जाती है, प्रत्येक सेशन में अलग-अलग प्रश्नपत्र होते हैं। छात्र परीक्षा में उनके प्रदर्शन पर ‘अनुचित रूप से’ प्रभाव डालने वाले अंकों के सामान्यीकरण के बारे में चिंता जता रहे थे।
'एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करने में सक्षम होंगे'
यूजीसी चीफ ने कहा, "पहले हमें यथासंभव छात्रों को पहली पसंद का केंद्र प्रदान करने के प्रयास में एक ही विषय के लिए दो या तीन दिनों में परीक्षा आयोजित करनी पड़ती थी। लेकिन इस साल, ओएमआर सिस्टम अपनाने से बड़ी संख्या में केंद्र के रूप में विद्यालय और महाविद्यालय उपलब्ध होंगे, जिससे हम एक ही दिन में देश भर में परीक्षा आयोजित करने में सक्षम होंगे।"
कब होती है जनरलाइजेशन की जरूरत
कुमार ने कहा, "यदि एक ही विषय के लिए परीक्षा कई दिनों में आयोजित की जाती है, तो सामान्यीकरण(जनरलाइजेशन) की आवश्यकता होती है और यह एक वैज्ञानिक विधि है।"
बता दें कि सीयूईटी-यूजी के लिए इस बार 15 से 24 मई तक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण परीक्षा आयोजित करने के पूर्व की व्यवस्था में बदलाव किया गया है जिसमें 15 विषयों के लिए सीयूईटी-यूजी पांरपरिक रूप से पेन और पेपर आधारित परीक्षा होगी जबकि 48 विषयों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसी तरह यूजीसी-नेट की परीक्षा पहले सीबीटी के तहत होती थी लेकिन इस बार 16 जून को पेन और पेपर मोड में परीक्षा होगी।
इनपुट भाषा
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