हायर एजुकेशन के छात्रों के लिए UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने एक नई पहल की है। इस पहल से छात्र अब स्थानीय भाषाओं में भी परीक्षा दे सकेंगे। बता दें कि UGC चेयरमैन ने इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों के VC को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में सभी यूनिवर्सिटिज से अपील की गई है कि वे अपने यहां एग्जाम में छात्रों को स्थानीय भाषाओं में भी परीक्षा देने का विकल्प दें। बता दें कि इससे उम्मीद की जा रही है कि सभी यूनिवर्सिटीज में छात्रों की संख्या बढ़ेगी।
मातृभाषा/लोकल भाषा में पढ़ाई
UGC चेयरमैन चिट्ठी में कहा गया है कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना बेहद महत्वपूर्ण है। यह नीति मातृभाषा/लोकल भाषा में पढ़ाई करने पर विशेष बल देती है। यह बेहद अच्छी बात है कि हर राज्य में उच्च शिक्षण संस्थान/विश्वविद्यालयों द्वारा स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई को लेकर बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे छात्रों को विशेष बल मिलेगा। चिट्ठी में आगे कहा गया कि अभी भी एकेडमिक इकोसिस्टम में अंग्रेजी मीडियम ही केंद्रित है। अगर ये सिस्टम स्थानीय भाषाओं में किया जाए तो इससे पढ़ने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हायर एजुकेशन में साल 2035 तक जीआईआर को 27% से 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
स्थानीय भाषा में उत्तर लिखने की अनुमति
एम जगदीश कुमार ने चिट्ठी के माध्यम से अनुरोध किया कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को परीक्षा में स्थानीय भाषा में उत्तर लिखने की अनुमति दी जाए, भले ही प्रोग्राम अंग्रेजी भाषा में क्यों न हो। साथ ही ये भी अपील की गई कि मौलिक लेखन का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद कर लोकल भाषा को बढ़ावा दिया जाए।
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