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UGC हुआ सख्त, अब लागू होगी 2022-23 के लिए तय की गई फीस रिफंड पॉलिसी

फीस रिफंड पॉलिसी को लेकर UGC कुछ यूनिवर्सिटी और कॉलेज से नाराज नजर आ रहा है। इसे लेकर UGC ने सख्ती दिखाई है। दरअसल UGC के निर्देश के बावजूद भी कुछ यूनिवर्सिटी और उच्च शिक्षा संस्थानों में स्टूडेंट्स को फीस वापस नहीं की जा रही है। इसकी शिकायतें लगातार UGC तको मिल रही थी जिसे लेकर अब UGC सख्त दिख रहा है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: November 02, 2022 19:56 IST
फीस रिफंड पॉलिसी को लेकर UGC ने दिखाई सख्ती- India TV Hindi
Image Source : UGC WEBSITE फीस रिफंड पॉलिसी को लेकर UGC ने दिखाई सख्ती

कोरोना महामारी के मद्देनजर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने सत्र 2022-23 में फीस रिफंड पॉलिसी में बदलाव किया और बीते 2 अगस्त को नई गाइडलाइंस जारी की। UGC के निर्देश के बावजूद भी कुछ यूनिवर्सिटी ने छात्रों को फीस वापस नहीं की। साथ ही एडमिशन कैंसिल करवाने पर उनकी फीस का एक बड़ा हिस्सा संस्थान वापस नहीं कर रहा है। इस तरह की कई शिकायतों के बाद UGC ने सख्त रूख अपनाते हुए चेतावनी जारी की है।

फीस रिफंड पॉलिसी करना पडे़गा लागू

UGC ने कहा कि हर यूनिवर्सिटी को UGC की फीस रिफंड पॉलिसी को लागू करना होगा। साथ ही छात्रों के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स भी वापस करने होंगे। कोई भी यूनिवर्सिटी छात्रों के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स को वापस देने से इंकार नहीं कर सकती है। UGC ने कहा है कि जो यूनिवर्सिटी इन नियमों का उल्लंघन करेगी, उनको मिलने वाली ग्रांट पर रोक लग सकती है। और अगर कोई कॉलेज या इंस्टिट्यूट इन नियमों को नहीं मानता तो ऐसी स्थिति में संबंधित यूनिवर्सिटी को उस कॉलेज की मान्यता वापस लेने की भी सिफारिश की जा सकती है।

बता दें कि UGC को ऐसी कई शिकायतें मिल रही थी कि कई संस्थान एडमिशन करवाने पर ओरिजिनल डॉक्यूमेंट लेते हैं और जब स्टूडेंट्स एडमिशन कैंसल करवाने का ऐप्लीकेशन देता है तो डॉक्यूमेंट वापस करने में संस्थान मनमानी करते हैं और नियमों के मुताबिक फीस भी वापस नहीं देते हैं। 

क्या है नियम

सत्र 2022-23 के लिए UGC ने नियम बनाया है, जो छात्र 31 अक्टूबर तक किसी संस्थान में अपना एडमिशन कैंसल करवाएंगे या माइग्रेशन होगा तो छात्र की फीस में कोई कटौती नहीं की जाएगी, और उसकी पूरी फीस रिफंड होगी। साथ ही कोई चार्ज भी नहीं काटा जाएगा। वहीं, 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक जो छात्र एडमिशन कैंसल करवाएंगे या दूसरी जगह शिफ्ट होंगे, उनके द्वारा जमा करवाई गई फीस में से केवल 1,000 रुपये ही कटेंगे। साथ ही 1,000 रुपये प्रोसेसिंग फीस के रूप में काटे जाएंगे। इसके अतिरिक्त संस्थान को सारी फीस लौटानी होगी। इन नियमों को नहीं मानने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश होगी।

क्या था मामला

गौरतलब है कि, कोरोना महामारी के कारण शैक्षिक सत्र देरी से ही चल रहा है और इसके कारण इस बार भी इंजीनियरिंग, अंडरग्रैजुएट कोर्सेज के लिए हो रहे एंट्रेंस टेस्ट में कुछ लेटलतीफी भी हो रही है। हर साल यूनिवर्सिटी में एडमिशन जहां जुलाई- अगस्त में हो जाते थे, वहीं इस बार एडमिशन के लिए CUET की प्रक्रिया देरी से पूरी हुई है। इसी कारण UGC ने इस सत्र को स्पेशल केस मानते हुए फीस रिफंड पॉलिसी में भी कुछ बदलाव किए थे और इस साल के लिए फीस रिफंड पॉलिसी में कुछ नए प्रावधान जोड़े थे।

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