नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर फॉर नैनोसाइंस और नैनो टेक्नोलॉजी (सीएनएन) की दो रिसर्च स्कॉलर, मारया खान और अबगीना शाबिर, प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फैलोशिप (पीएमआरएफ) के लिए चुनी गई हैं। इनका चयन पीएमआरएफ की मई -2020 ड्राइव के लेटरल एंट्री श्रेणी के तहत किया गया है। सेंटर फॉर नेनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी के ऑफिशियेटिंग डायरेक्टर डॉ. औरंगजेब खुर्रम हाफिज ने बताया कि, "पीएमआरएफ के तहत दोनों शोधकर्ताओं को फेलोशिप के तौर पर पहले दो साल के 70, 000 रुपये, तीसरे साल के लिए 75,000 और चौथे और पांचवे साल के लिए 80,000 रूपए मिलेंगे।
इसके अलावा, प्रत्येक फेलो को हर साल 2 लाख रुपये के अनुसंधान अनुदान के तौर पर मिलेंगे यानी, पांच साल के लिए कुल 10 लाख रुपये।"जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने दोनों शोधकर्ताओं को बधाई दी और उम्मीद जताई कि यह विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों में अनुसंधान में अच्छा करने का हौसला बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि जामिया लगातार उत्कृष्टता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मारया खान का पीएचडी कार्य स्वास्थ्य निगरानी के लिए बहुक्रियाशील हाइब्रिड नैनोमीटर आधारित बायोसेंसर पर आधारित होगा। इसका मकसद मल्टीफंक्शनल हाइब्रिड नैनोमटेरियल्स को संश्लेषित करना है, जिससे विभिन्न जैविक संवेदी उपकरणों के विकास के लिए उनका इस्तेमाल किया जा सके।
जामिया के सीएनएन से प्रो. एस एस की देखरेख में नैनो टेक्नोलॉजी में पीएचडी कर रहीं अबगीना शाबिर ने बताया कि, "उनका पीएचडी कार्य ली-आयन बैटरियों के लिए हाई परफार्मेंस एनोड के निर्माण पर आधारित होगा। अपने शोध कार्य के माध्यम से वह उच्च विशिष्ट क्षमता वाली एनोड सामग्री को सुस्पष्ट और स्केलेबल तकनीकों का उपयोग करके संश्लेषित करना चाहती हैं। वहीं चाहती हैं कि उनके इस शोध के जरिए पांरपरिक बैटरियों की सीमाएं टूटें जिससे कि उच्च ऊर्जा की मांग पूरी हो सके।"
इस उपलब्धि के लिए, जामिया के सीएनएन के प्रो. ए क्यू अंसारी, उनकी टीम और अन्य स्टाफ सदस्यों ने कड़ी मेहनत की है। भारत भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रधानमंत्री रिसर्च फैलोशिप (पीएमआरएफ) योजना बनाई गई है। आकर्षक फैलोशिप वाली ये महत्कांक्षी योजना, अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने की अपनी कोशिशों में कामयाब है। इस योजना की घोषणा बजट 2018-19 में की गई थी।