आजादी से लेकर 2014 तक देशभर में कुल 380 मेडिकल कॉलेज थे, नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद अब इनमें बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय मंत्री ने एक रविवार को जानकारी देते हुए कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद 262 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए ये बात कही। उन्होंने आगे यह भी कहा कि जहां कांग्रेस कहती है कि उन्होंने देश में 700 नवोदय विद्यालय बनाए हैं, वहीं मोदी सरकार ने केवल 9 सालों में देश के सभी आदिवासी और पिछड़े जिलों में "692 एकलव्य विद्यालय स्वीकृत किए हैं"। दिल्ली भाजपा द्वारा जारी एक बयान में प्रधान के हवाले से बताया गया कि आजादी से लेकर 2014 तक देशभर में कुल 380 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद 262 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए।"
मोदी सरकार की उपलब्धियों पर रिसर्च
स्वयंसेवी संगठन (voluntary organisation) पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर (पीपीआरसी) द्वारा पिछले 9 सालों में नरेंद्र मोदी सरकार की "उपलब्धियों" पर एक रिसर्च किया गया है और उसके आधार पर "विभिन्न विभागों की उपलब्धियों" पर एक रिसर्च पेपर तैयार किया गया है। बता दें कि इसी कड़ी में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में मोदी सरकार के 9 साल के कामकाज पर एक रिसर्च पेपर का विमोचन दिल्ली भाजपा द्वारा आयोजित सेमिनार में केंद्रीय मंत्री प्रधान ने किया।
प्रधान ने इस दौरान कहा कि मोदी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने का भी काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि जब पूरी दुनिया कोविड-19 की चपेट में थी, तब भारत में पीपीई किट नहीं बनाई जा रही थीं, लेकिन लॉकडाउन के ठीक दो महीने बाद, "हमने न केवल पीपीई किट बनाना शुरू किया, बल्कि उन्हें दूसरे देशों में निर्यात भी करना शुरू कर दिया।"
पिछले 9 सालों में 15 नए एम्स
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांधी परिवार के शासन के दौरान देश में "केवल 1 एम्स बनाया गया था", और जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में आई, तो उन्होंने 6 एम्स बनाए। लेकिन, 10 साल तक शासन करने वाली मनमोहन सिंह सरकार ने "कोई नया एम्स नहीं बनाया।" केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने देश के आखिरी नागरिक तक अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का संकल्प लिया और आज उसी का नतीजा है कि पिछले 9 सालों में 15 नए एम्स जनता को सौंपे जा चुके हैं।
34 साल बाद नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत कई सभ्यताओं से युक्त एक ज्ञान आधारित समाज है। 34 साल बाद मोदी सरकार द्वारा एक नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की कल्पना की गई, जिसकी कहानी 2014 से शुरू हुई थी और जिसे 2020 में लागू किया गया। इतना ही नहीं, मोदी सरकार एकलव्य मॉडल स्कूल बनाने का काम भी करने जा रही है। उन्होंने कहा कि 45 करोड़ रुपये की लागत से इसमें छात्रावास की सुविधा भी होगी।
भारत एक उभरती हुई शक्ति
इस मौके पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आज पूरी दुनिया में यह संदेश जा रहा है कि 'भारत एक उभरती हुई शक्ति है और यह केवल पीएम मोदी के नेतृत्व में ही संभव हुआ है।'
(इनपुट- पीटीआई)