Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. भारत की आर्कटिक नीति के इन छह स्तंभों पर होगी ऑनलाइन पढ़ाई, UGC ने कहा ये...

भारत की आर्कटिक नीति के इन छह स्तंभों पर होगी ऑनलाइन पढ़ाई, UGC ने कहा ये...

UGC भारत की आर्कटिक नीति पर देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ महत्वपूर्ण चर्चाएं कर रहा है। यूजीसी ने भारत सरकार द्वारा भारत की आर्कटिक नीति जारी करने के संबंध में विश्वविद्यालयों को आधिकारिक तौर पर सूचित किया है।

Edited By: India TV News Desk
Published : Dec 06, 2022 22:54 IST, Updated : Dec 06, 2022 22:54 IST
 UGC
Image Source : PTI यूजीसी

UGC ने उच्च शिक्षा संस्थानों से भारत की आर्कटिक नीति के छह स्तंभों पर 'स्वयं' प्लेटफॉर्म के लिए अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स के विकास का अनुरोध किया है। इनमें विज्ञान और अनुसंधान, जलवायु और पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक और मानव विकास, परिवहन और कनेक्टिविटी, शासन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और राष्ट्रीय क्षमता निर्माण शामिल हैं।

9 दिसंबर को राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित होगा

यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों को एक पत्र जारी करते हुए इन संस्थानों से आर्कटिक, ध्रुवीय क्षेत्र के अध्ययन में पाठ्यक्रमों की उपलब्धता, नौकरी और अनुसंधान के अवसरों के बारे में जागरूकता पैदा करने का भी अनुरोध किया। यूजीसी के मुताबिक, इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए वेबिनार भी आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम को यूजीसी के यूट्यूब चैनल, ट्विटर और फेसबुक पेज पर लाइव ज्वाइन किया जा सकता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 9 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से भारत की आर्कटिक नीति कार्यक्षेत्र और अवसर पर एक राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित करेगा।

छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करनी है

यूजीसी भारत की आर्कटिक नीति पर देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ महत्वपूर्ण चर्चाएं कर रहा है। यूजीसी ने भारत सरकार द्वारा भारत की आर्कटिक नीति जारी करने के संबंध में विश्वविद्यालयों को आधिकारिक तौर पर सूचित किया है। यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIS) से भारत की आर्कटिक नीति (IP) के छह स्तंभों पर पाठ्यक्रम के प्रस्ताव प्रस्तुत करने का भी अनुरोध किया है। देशभर के सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों यूजीसी ने अनुरोध किया है वे इस विषय पर छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आगे आएं।

यूजीसी ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि वे आर्कटिक, ध्रुवीय अध्ययन के क्षेत्र में पाठ्यक्रम, नौकरी और अनुसंधान के अवसरों की उपलब्धता के संबंध में छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाएं। इसी पहल को आगे बढ़ाने के लिए, यूजीसी 9 दिसंबर, भारत की आर्कटिक नीति, कार्यक्षेत्र और अवसर' पर एक राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित कर रहा है।

भारत दुनिया के लिए रोल मॉडल बनेगा

गौरतलब है कि इसके अलावा जी 20 जैसे अंतरराष्ट्रीय विषयों पर सभी छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके जरिए भारत के जी-20 देशों की अध्यक्षता के सफर में भारतीय शिक्षा जगत में भी सहयोगी बनेगा। जी-20 के माध्यम से भारत शिक्षा का एक नया खाका प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है। गौरतलब है कि भारत ने 1 दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। इस पूरे विषय पर यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने मीडिया से कहा, यह शानदार है कि भारत ने आज देश भर के विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ जुड़कर यूनिवर्सिटी कनेक्ट के साथ अपनी जी-20 प्रेसीडेंसी यात्रा शुरू की है।

भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र इसके बारे में जागरूकता पैदा करेंगे। छात्र जी-20 प्रेसीडेंसी के महत्व के बारे में लोगों को जानकारी देंगे। साथ ही विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र यह बतलाएंगे की भारत कैसे जी-20 प्रेसीडेंसी के माध्यम से बाकी दुनिया के लिए एक रोल मॉडल बन सकता है। हमारे छात्र भारत आने वाले जी-20 सदस्यों देशों को भारत की समावेशी विकासात्मक प्रगति दिखाने के लिए देश के राजदूत भी होंगे।

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement