नई दिल्ली: केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए इस वर्ष कॉमन एंट्रेंस टेस्ट नहीं लिया जाएगा। यह निर्णय कोविड19 महामारी के मद्देनजर लिया गया है। रविवार रात यूजीसी ने एक अहम निर्णय की जानकारी सांझा करते हुए कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया पिछले वर्षों के अनुसार जारी रह सकती है। यूजीसी के मुताबिक, केंद्रीय विश्वविद्यालय कॉमन एंट्रेंस टेस्ट अगले वर्ष यानी अकादमिक सत्र 2022-23 से लागू किया जा सकता है।
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए नया बैच 1 अक्टूबर 2021 से शुरू हो जाएगा। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि 12 वीं सीबीएसई बोर्ड और अन्य राज्य बोर्डों के परिणाम घोषित होने के बाद ही नए बैच के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाए। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन द्वारा जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि 12वीं बोर्ड के नतीजे आने के बाद ही अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों के अकादमिक सत्र में दाखिला प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड का रिजल्ट 31 जुलाई तक घोषित करने का ऐलान किया है।
वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी अपने कालेजों में दाखिले की तारीख और प्रक्रिया का ऐलान कर दिया है। स्नातकोत्तर कार्यक्रम के लिए 26 जुलाई से 21 अगस्त, एमफिल व पीएचडी के लिए भी 26 जुलाई से 21 अगस्त और अंडर-ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए 2 अगस्त से 31 अगस्त तक आवेदन फार्म भरा जा सकेगा। विश्वविद्यालय की प्रवेश शाखा ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में दाखिला शुरू करने की यह घोषणा की है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी ने आईएएनएस से कह चुके हैं कि इस साल सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) लागू होने की संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय की कट-ऑफ घोषित करते समय सीबीएसई मानदंड का पालन किया जाएगा।
डीयू के कार्यवाहक कुलपति पीसी जोशी ने कहाना है, यह निर्णय अभूतपूर्व कोविड स्थिति को देखते हुए लिया गया है। हम भारत सरकार के साथ हैं। हमारे प्रवेश मानदंड सख्ती से योग्यता के आधार पर होंगे। हम सीबीएसई बोर्ड की कसौटी का सम्मान करेंगे।