नई दिल्ली। बीते 1 माह के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 5 नए केंद्रीय विद्यालयों की घोषणा की है। सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के लिए नए केंद्रीय विद्यालय की घोषणा की गई। अरुणाचल प्रदेश में इस नए केंद्रीय विद्यालय की घोषणा के साथ ही अब देश भर में केंद्रीय विद्यालयों की कुल संख्या 1244 हो गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने यह जानकार देते हुए कहा, "केंद्रीय विद्यालयों की विशाल श्रृंखला में एक नया नाम जुड़ गया है। पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश के अंजाव जिले में केन्द्रीय विद्यालय हायुलियांग खोलने के आदेश जारी हो गए हैं।"
क्षेत्र के समस्त निवासियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, "मेरा विश्वास है कि यह केंद्रीय विद्यालय क्षेत्र में शिक्षा का एक नया प्रकाश लाएगा।"इससे पहले पिछले महीने अक्टूबर में देश के अलग-अलग राज्यों में चार नए केंद्रीय विद्यालय शुरू किए गए हैं। जिन राज्यों में केंद्रीय विद्यालय शुरू किए गए हैं उनमें हरियाणा, उड़ीसा व राजस्थान शामिल हैं।इन चार केंद्रीय विद्यालयों के नाम हैं नयागढ़ केंद्रीय विद्यालय (ओडिशा), महुलदिहा केंद्रीय विद्यालय, राईरंगपुर (ओडिशा), हनुमानगढ़ केंद्रीय विद्यालय (राजस्थान) और फरीदाबाद केंद्रीय विद्यालय (हरियाणा)।
अब तक अस्थायी भवन से संचालित इन चारों स्कूलों के निर्माण पर लगभग 68.60 रुपये करोड़ की लागत लगी। इनसे ओडिशा, हरियाणा और राजस्थान में लगभग 4000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। सीबीएसई द्वारा जारी वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजों में केवीएस के कक्षा 10 में 99.23 प्रतिशत और कक्षा 12 में 98.62 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। डॉ. निशंक ने कहा, "ये नतीजे प्रशंसा योग्य हैं और केवीएस की शैक्षणिक गुणवत्ता के कारण ही प्रत्येक वर्ष केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए बहुत बड़ी संख्या में आवेदन हमारे मंत्रालय में आते हैं।"
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं के बारे में सबको बताया और कहा, "नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अब केंद्रीय विद्यालय जैसे शैक्षिक संगठनों पर बढ़ जाती है। यह राष्ट्र की शिक्षा नीति है, जिसकी सफलता हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।"
उन्होंने केंद्रीय विद्यालय संगठन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित देश की जनता का आह्वाहन करते हुए कहा कि इंडिया फस्र्ट की सोच के साथ भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने के लिए आगे आएं और विद्यालयों के विकास में अपना पूर्ण सहयोग दें।