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Delhi University: इंक्रीमेंट में हुई गलती के कारण शिक्षकों से हो सकती है रिकवरी

दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों और कॉलेजों में एक हजार से अधिक शिक्षकों को अब एक प्रशासनिक गलती का खामियाजा भुगतना पड़ा रहा है। शिक्षकों के मुताबिक 25 साल पहले उन्हें जो ग्रेड पे व इंक्रीमेंट दिया गया था

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 01, 2021 10:54 IST
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Image Source : GOOGLE There may be recovery from teachers due to mistake in increments

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों और कॉलेजों में एक हजार से अधिक शिक्षकों को अब एक प्रशासनिक गलती का खामियाजा भुगतना पड़ा रहा है। शिक्षकों के मुताबिक 25 साल पहले उन्हें जो ग्रेड पे व इंक्रीमेंट दिया गया था, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि वह ग्रेड पे व इंक्रीमेंट गलती से दिया गया था। जिन शिक्षकों को इंक्रीमेंट दी गई थी अब उन शिक्षकों की रिकवरी की जा सकती है। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने कहा कि यदि टीचर्स अभी उक्त धन राशि नहीं लौटाएंगे तो सेवानिवृत्त होने के समय उनके वेतन या पीएफ से काट ली जाएगी, तभी उनकी पेंशन बनेगी। शिक्षकों से इतनी बड़ी धनराशि रिकवरी करने को लेकर उनमें तनाव और असंतोष का माहौल बना हुआ है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बताया है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 24 मार्च, 1999 को यूजीसी के सचिव को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों के शिक्षकों के पे स्केल संबंधी स्पष्टीकरण दिया गया था। यूजीसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय को एक पत्र भेजा था। इसमें लिखा गया था कि जो शिक्षक लेक्च रर (सलेक्शन ग्रेड) में 1 जनवरी 96 को या रीडर ग्रेड में हैं और जिनके 5 साल पूरे होने के बाद उनको 12 हजार का ग्रेड पे के स्थान पर 14,940 ग्रेड पे दे दिया गया।

उन्होंने बताया है कि वे शिक्षक जो 1 जनवरी 1996 में रीडर थे और जिन्हें 5 साल पूरे नहीं हुए हैं तो 5 साल पूरे होने के बाद 14,940 पर फिक्सेशन होनी थी यानी 12,000--18,300, इसमें 420 रुपये की इंक्रीमेंट लगनी थी, लेकिन कुछ कॉलेजों ने इस नियम का पालन नहीं किया। उन्हें ग्रेड पे व इंक्रीमेंट दे दिया गया।

प्रोफेसर सुमन का कहना है कि जिन कॉलेजों में ऐसे शिक्षक जो 1 जनवरी 96 से पहले रीडर है या रीडर ग्रेड में कार्यरत थे मगर उनके 5 साल में रीडरशिप में पूरे नहीं हुए हैं तो उन्हें 5 साल पूरे होने पर 14,940 पर फिक्स करें। इसी के आधार पर कॉलेजों ने उन्हें 14,940 ग्रेड पे देकर शिक्षकों को एरियर दे दिया गया। एरियर लेकर शिक्षकों ने खूब खुशियां मनाई लेकिन अब 25 साल बाद जिन शिक्षकों को 14,940 ग्रेड पे दिया था उनकी रिकवरी करने के आदेश दे दिए गए हैं। उनका कहना है कि जो शिक्षक अब सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ऐसे शिक्षकों से रिकवरी के तौर पर 4.50 लाख या उससे ज्यादा रुपयों की रिकवरी की जा रही है।

प्रोफेसर सुमन को इन शिक्षकों ने उन्हें बताया कि छठे वेतन आयोग के आधार पर उनकी पे फिक्स की गई थी उसके आधार पर हर माह वेतन दिया जा रहा था, परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यह सूचित किया गया है कि शिक्षकों को एक इंक्रीमेंट ज्यादा दिया गया है। इसलिए जो अतिरिक्त राशि उन्हें दी गई है अब यह राशि उन्हें अब लौटानी पड़ेगी।उन्होंने बताया है कि जिन कॉलेजों से जो शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं कॉलेजों का कहना है कि आपकी पेंशन तभी निर्धारित होगी जब आप ज्यादा दी गई भुगतान की राशि को वापस करेंगे।

प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि श्रीअरबिंदो कॉलेज, आर्यभट्ट कॉलेज, रामलाल आनंद कॉलेज के अलावा कई कॉलेजों के शिक्षकों से 4.50 लाख या उससे अधिक रुपये लौटाने पर ही शिक्षकों की पेंशन निर्धारित की जा रही है। जिन शिक्षकों ने विश्वविद्यालय द्वारा बढ़ी हुई धनराशि वापिस लौटा दी उनको पेंशन दी जा रही है और जिन्होंने उक्त धनराशि वापस नहीं की उनकी अभी तक पेंशन निर्धारित नहीं हुई। वे शिक्षक दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन और यूजीसी के चक्कर लगा रहे हैं कि उन्हें वह धनराशि लौटानी ना पड़े, उनकी रिकवरी न हो।

डीटीएच का कहना है कि शिक्षकों का विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ असंतोष बढ़ता जा रहा है। प्रोफेसर सुमन ने कहा, इस मामले को लेकर दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन जल्द ही दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वाइस चांसलर प्रोफेसर पीसी जोशी से मिलने वाला है। यदि समाधान नहीं होता है तो शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे।

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