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नागपुर में बच्चों की पढ़ाई पर सकंट, 11 गैर मान्यता प्राप्त स्कूल हो रहे संचालित; सभी को दिए गए नोटिस

नागपुर में हजारों स्कूली बच्चों के भविष्य अंधकार में है। यहां लगभग 11 अनाधिकृत स्कूल चल रहे है। सभी को नोटिस बंद करने का नोटिस दिया गया है। बच्चों के परिजनों के सामने आया संकट आ खड़ा हुआ है। पैरेंट्स का कहना है कि उन्होंने हजारों रुपए देकर एडमिशन कराया था।

Reported By : Yogendra Tiwari Edited By : Shailendra Tiwari Published on: August 03, 2023 18:08 IST
School- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV नागपुर में 11 गैर मान्यता प्राप्त स्कूल को मिला नोटिस

नागपुर शहर एवं ग्रामीण इलाके में कई अनधिकृत स्कूल चल रहे हैं,जिसमें सैकड़ों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। अब ऐसे स्कूलों को शिक्षा विभाग ने बंद करने का नोटिस दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, स्कूल प्रबंधकों ने छात्रों एवं उनके परिजनों को यह बात छिपाकर रखी कि उनका स्कूल मान्यता प्राप्त नहीं है। स्कूल प्रबंधकों ने पढ़ाई के नाम पर मोटी फीस छात्रों से वसूले हैं। जब मामले का खुलासा हुआ तो इसमें शिक्षा विभाग ने भी कुछ कार्रवाई नहीं की। यह स्कूल 5 से 7 साल से चल रहे हैं और अब प्रशासन की नींद टूटी है। अब यह संकट पैदा हो गया है स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को कहां एडमिशन मिले, क्योंकि हर जगह एडमिशन क्लोज हो चुका है। पैरेंट्स दर-दर भटक रहे हैं। दूसरे स्कूल यह दलील दे रहे हैं कि जहां उनका बच्चा पढ़ रहा था, वहां कि टीसी ही अनधिकृत है तो अधिकृत स्कूलों में बच्चों को एडमिशन कैसे दिया जाए?

विधानसभा में भी उठाया गया मुद्दा

अनाधिकृत स्कूलों के बारे में शिक्षा विभाग ने पहले ही सूचना जारी की थी, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जाने की वजह से अब भी नागपुर में कई जगह ऐसे स्कूल धड़ल्ले से चल रहे हैं। बता दें कि नागपुर शहर में ही 2 स्कूल मौजूद है तो वहीं ग्रामीण में 9 स्कूल है। जब यह मामला तूल पकड़ने लगा तो नागपुर शहर के 2 स्कूलों को तत्काल बंद कर दिया गया। जब वहां के बच्चों के पैरेंट्स ने हंगामा शुरू किया तो आनन-फानन में यह दोनों स्कूल बंद कर दिए गए। इस क्षेत्र के विधायक विकास ठाकरे ने इस पूरे मामले को विधानसभा में भी उठाया है। साथ ही शिक्षण अधिकारी से सबंध में जवाब तलब किया है। विधायक विकास ठाकरे ने अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने और समूचे मामले की जांच की भी मांग की है।

एडमिशन क्यों दिया गया?

स्कूल को शासन के मान्यता नहीं है अब जब स्कूल अनाधिकृत घोषित किया गया तो पैरेंट्स को अपने बच्चों की चिंता सताने लगी। पैरेंट्स का कहना है कि जब स्कूल अनाधिकृत थे तो एडमिशन क्यों दिया गया? पालकों ने बच्चों की फीस भी वापस मांगी है। साथ ही उनका कहना है कि बच्चों को किसी दूसरे अच्छे स्कूल में प्रशासन दाखिला दिलाये। जानकारी दे दें कि स्कूल प्रबंधक ने अनधिकृत होने के बावजूद 6000 रुपये फीस में बढ़ोतरी की है। अनधिकृत स्कूल में 20 से 25000  से फीस वसूले जाते थे। यह स्कूल नागपुर शहर में है और यहां कक्षा 1 से 6 तक क्लास चलते हैं।

बच्चों के परिजनों का कहना है कि जब स्कूल अनाधिकृत है तो उनके खिलाफ कार्रवाई शिक्षण विभाग ने क्यों नहीं की? इतने वर्ष तक मामले को क्यों दबाया गया? स्कूल को 5 साल से मान्यता नहीं है, इसके बाद भी स्कूल में एडमिशन दिया जा रहा है। जब मामला सामने आया तो अधिकारी छात्रों को आसपास के अन्य स्कूलों में ट्रांसफर करने की बात कर रहे हैं, लेकिन अब तक की स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं किए जाने पर चुप्पी साध ले रहे हैं।

लेटर जारी कर दिया गया

नागपुर जिला परिषद के अध्यक्ष मुक्ता कोक्कडे कहा कि 11 जुलाई को लेटर जारी कर दिया गया है। इसमें बताया गया कि जल्द से जल्द स्कूल बंद कर दिए जाए। 1,00,000 रुपये के फाइन का भी प्रावधान किया गया है, वह फाइल नहीं भरने के बाद प्रतिदिन ₹10,000 के हिसाब से दंड वसूला जाएगा। साथ ही पैरेंट्स से धोखेबाजी करने के लिए पुलिस में मामला दर्ज करने की भी बात कही है। साथ ही कहा कि यह भी शिक्षण अधिकारी से बोला गया है कि जल्द से जल्द इन बच्चों को किसी अन्य स्कूल में ट्रांसफर किया जाए।

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