भारत को दुनिया वीरों की धरती के नाम से जानती है। यहां का इतिहास ताकतवर राजाओं से भरा पड़ा है। चाहे राजा पोरस हों या फिर चन्द्र गुप्त मौर्य, अशोक महान हों या फिर पृथ्वी राज चौहान। सब ने अपने शासन काल में कई ऐसी लड़ाईयां लड़ी हैं, जिसे आज भी याद किया जाता है। इन राजाओं की ख्याति इतनी थी कि इनके नाम का डंका भारत के बाहर विदेशों में भी बजता था। इन्हें आज पूरी दुनिया महान योद्धा के तौर पर देखती है, जिनकी तलवार दुश्मन का सिर पलक झपकते ही धड़ से अलग कर देती थी। आज हम आपको भारत के ऐसे ही 5 महान हिंदू राजाओं के बारे में बताएंगे।
पृथ्वी राज चौहान का इतिहास
पृथ्वी राज चौहान (Prithvi Raj Chauhan) भारत के लोकप्रिय चौहान वंश के एक वीर हिंदू राजा थे।पृथ्वी राज चौहान ने अजमेर और दिल्ली पर राज किया था। इनके शासन काल के समय ही सबसे पहले मुगल शासकों का भारत पर हमला हुआ था। कहते हैं पृथ्वी राज चौहान इतने अधिक वीर थे कि उन्होंने 13 साल की उम्र में ही गुजरात के पराक्रमी राजा भीमदेव को युद्ध में हरा दिया था। पृथ्वी राज चौहान 6 भाषाएं जानते थे। इन्होने मुहम्मद गोरी को युद्ध में 17 बार हार का स्वाद चखाया था। लेकिन साल 1192 में हुए दूसरे तराइन युद्ध में गोरी ने कन्नौज के राजा जयचन्द्र के साथ मिलकर पृथ्वी राज और उनके मित्र चंदबरदाई को बंदी बना कर उनकी हत्या कर दी थी।
महान राजा पोरस का इतिहास
भारत के महान हिंदू राजा पोरस का नाम जब भी आता है, तो एक भारतीय होने के नाते हमारा सिर अपने आप सम्मान से ऊंचा हो जाता है। पोरस सिन्धु के राजा था। उन्होंने सिकन्दर के साथ इतनी वीरता से युद्ध लड़ा कि विश्व विजेता सिकन्दर भी उनके साहस के सामने झुक गया। राजा पोरस का साम्राज्य सिन्धु नदी से लेकर चेनाब नदी तक फैला हुआ था। महान पोरस और सिकंदर के बीच हाइडेस्पीज का युद्ध (326 ईसा पूर्व) में हुआ था। उनकी मृत्यु की सही तारीख के कोई प्रमाण नहीं मिलते, हालांकि कुछ इतिहासकार कहते हैं कि राजा पोरस की मृत्यु 321 से 315 ईसा पूर्व के बीच हुई थी।
सम्राट अशोक का इतिहास
सम्राट अशोक की वीरता के बारे में कौन नहीं जानता। अशोक एक समय पर खुंखार योद्धा थे, तो कलिंग के भीषण युद्ध ने उन्हें विनम्रता का रास्ता भी दिखाया। इसी युद्ध के बाद अशोक ने बौध्य धर्म अपना लिया था और शांति की ओर चल पड़े थे। कहा जाता है कि कलिंग युद्ध के समय लगभग एक लाख लोगों की मृत्यु हुई थी। सम्राट अशोक के साम्राज्य की बात करें तो वह उत्तर में हिंद्कुश से लेकर दक्षिण में गोदावरी तक यानि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और ईरान तक फैला था।
महाराणा प्रताप का इतिहास
महाराणा प्रताप कि विरता के बारे में तो हमने स्कूल टाइम से ही पढ़ना शुरू कर दिया था। आप में से बहुत से लोगों को महाराणा प्रताप और चेतक पर लिखी कविता आज भी याद होगी। आपको जान कर हैरानी होगी कि जिस वक्त महाराणा प्रताप का मेवाड़ रियासत में शासन उस दौरान था, जब दिल्ली में अकबर का राज था। अकबर ने कई बार कोशिश की कि वह किसी तरह से मेवाड़ हथिया ले, लेकिन जितनी बार उसने कोशिश की वह असफल रहा। कहते हैं महाराणा प्रताप 72 किलो का कवच पहनते थे और उनका भाला ही 81 किलो का था।
वीर शिवाजी का इतिहास
शिवाजी की वीरता का सबूत तो इसी बात में है कि उनके नाम के आगे ही वीर शिवाजी लगाकर उच्चारण किया जाता है। वीर शिवाजी के पराक्रम ने कई बार मुगलों को धूल चटाई थी। उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था। हालांकि, कहते हैं कि इनका पालन पोषण इनके स्थानीय संरक्षक दादाजी कोंडदेव, जीजाबाई और समर्थ गुरु रामदास की देखरेख में हुआ था। शिवाजी शायद कुछ गिने चुने हिंदू राजाओं में होंगे जिन्हें लेकर कहा जाता है कि उनकी सेना में मुस्लिम योद्धा भी थे। वीर शिवाजी अपने युद्धों में अक्सर छापामार प्रणाली और गुरिल्ला युद्ध की नीति का इस्तेमाल करते थे। इसी रणनीति से उन्होंने कई युद्ध भी जीते थे।