यूपी में 69000 टीचर भर्ती मामले को लेकर प्रदर्शन जारी है। इसी प्रदर्शन के दौरान कल सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हो सकती है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पिछले महीने यूपी सरकार से तीन महीने के भीतर भर्ती की नई मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना था कि 69000 टीचर की भर्तियों में अभ्यर्थियों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं दिया गया। हाईकोर्ट के इस फैसले से अब जनरल कैटेगरी के कई टीचर्स की नौकरी जाने का खतरा हो गया है।
कल हो सकती है सुनवाई
इसके बाद जनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें कल सुनवाई हो सकती है। इधर मामले को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगातार जारी है। छात्र आज ये प्रदर्शन योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद के घर के बाहर कर रहे हैं।
4 साल से हो रहा आंदोलन
इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने कहा कि वे 4 साल से आंदोलन कर रहे है, अभी तक न्याय नहीं मिला है। यूपी में दिसंबर 2018 को 69000 टीचर की भर्ती का विज्ञापन निकला था। 2019 में 4.10 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। फिर 2020 को रिजल्ट आया और इसमें 1.47 लाख युवा पास हो गए। इनमें आरक्षित वर्ग के 1.10 लाख अभ्यर्थी शामिल थे।
भर्ती प्रकिया पर सवाल
इसके बाद 69 हज़ार टीचर के लिए मेरिट तय की गई। इसी मेरिट के आधार पर 69000 टीचर की भर्ती हुई। लेकिन भर्ती प्रकिया पर अब सवाल खड़े हुए। कहा गया कि 19000 आरक्षित अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला और कुछ अभ्यर्थी इसे लेकर कोर्ट चले गए। अब कोर्ट ने टीचर भर्ती की लिस्ट रिव्यू करने के आदेश दिए, जिसके लिए यूपी सरकार को तीन महीने का टाइम दिया गया है। लेकिन अभ्यर्थी ये लिस्ट जल्दी जारी करने की मांग कर रहे है।
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